भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी IT रैड, नोट गिनने में लगी 8 मशीन, 210 करोड़ नगदी बरामद
Saral Kisan : अलमारियों में ठूंस-ठूंस कर 500 रुपये की गड्डियां और कुछ 200 रुपये की गड्डियां मिलती हैं। पहली नजर में लगता है कि यह एक बैंक की तस्वीर है, लेकिन तस्वीर के पीछे की कहानी सबको हैरान करती है। कांग्रेसी सांसदों के स्थानों से ये नोटों के बंडल मिले हैं। झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में आयकर विभाग पिछले तीन दिन से काम कर रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू (Dheeraj Sahu) इस कार्रवाई में शामिल हैं। जांच एजेंसियों ने इस प्रक्रिया में अब तक करीब 210 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी प्राप्त की है, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। तीस आलमारियों में नोटों के बंडल ऐसे ही मिले हैं।
नोटों की गिनती की घोषणा
नोटों की जांच में 30 से अधिक बैंक कर्मचारी लगे हुए हैं। नोट गिनने के लिए आठ से अधिक मशीन हैं। बोलांगीर में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में नोटों से भरे लगभग 150 बैग लाए गए हैं।
छापेमारी में 210 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है। ये इतनी बड़ी खेप है कि इसे गिनने वाली मशीन फूंक गई थी. इसके बाद भुवनेश्वर और हैदराबाद से नोट गिनने वाली बड़ी मशीनें मंगाई गई हैं।
नोटों की गिनती की घोषणा
वास्तव में, ये कार्रवाई शराब कारोबार में टैक्स चोरी की आशंका से शुरू हुई थी। जिसमें आयकर विभाग ने शराब कारोबार से जुड़ी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापे डाले, टैक्स चोरी के आरोप में। जिसमें क्वालिटी बॉटलर्स, बलदेव साहू इन्फ्रा लिमिटेड, बौद्ध डिस्टीलरी प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बिवरेज लिमिटेड शामिल हैं। बलदेव साहू इन्फ्रा फ्लाई ऐश ईंटों की एकमात्र कंपनी इसमें शामिल है, जबकि अन्य कंपनियां शराब कारोबार से जुड़ी हुई हैं। झारखंड के रांची और लोहरदगा के अलावा ओडिशा के बलांगीर, संबलपुर और रायडीह में टैक्स चोरी की आशंका से जांच एजेंसी ने छापेमारी शुरू की थी।
धीरज साहू का परिवार शराब उत्पादन में शामिल है
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि ये छापे बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े स्थानों पर किए जा रहे हैं। राज्यसभा सांसद धीरज साहू का परिवार बौद्ध डिस्टिलरी का मालिक है। धीरज साहू का परिवार शराब का मालिक है। ओडिशा में उनकी कई शराब फैक्ट्रियां हैं।
अब राजनीति भी तेज हो गई है, क्योंकि बीजेपी कांग्रेस को घेर रही है। वास्तव में, धीरज प्रसाद साहू भी राजनीति में एक प्रमुख नाम है। धीरज साहू अब तीसरी राज्यसभा में सांसद हैं। इसके अलावा, वे दो बार चतरा लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट भी लड़ चुके हैं, लेकिन सफल नहीं हुए। 2009 में हुए उपचुनाव में धीरज साहू पहली बार राज्यसभा सांसद बने।
धीरज साहू की घोषित संपत्ति
जब घोषित संपत्ति की बात आती है, तो 2018 में राज्यसभा चुनाव के दौरान धीरज प्रसाद साहू ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति को 34 करोड़ रुपये बताया था। वे खुद पर 2.36 करोड़ रुपये का कर्ज भी घोषित कर चुके थे। हालाँकि, वित्त वर्ष 2016-17 के इनकम टैक्स रिटर्न में उन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय बताई थी।
कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू का परिवार शराब का कारोबार करता है। बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज का मूल स्थान झारखंड राज्य के लोहरदगा जिला है। 40 साल पहले, इस कंपनी ने ओडिशा में देशी शराब बनाना शुरू किया था। बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (BDPL) एक साझेदारी फर्म है। बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड भी इस कंपनी के हिस्से हैं।
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