उत्तर प्रदेश के 2 एक्सप्रेसवे के किनारे 7 जिलों के 24 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण, मिली मंजूरी

UP expressway : यूपी के दो एक्सप्रेसवे के किनारे दो नगरों को विकसित करने का रास्ता साफ कर दिया गया है। औद्योगिक विकास प्राधिकरण 24 गांवों की जमीन अधिग्रहण का काम जल्द ही शुरू करेगा।

 

UP : एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के माध्यम से औद्योगिकीकरण को रफ्तार देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। सरकार ने दो और एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के किनारे औद्योगिक नगरों को विकसित करने का रास्ता साफ कर दिया है। इस उद्देश्य से सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के किनारे सात जिलों के 24 गांवों की जमीन अर्जित कर उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) में शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे शामिल होने वाले गांव

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे आगरा की फतेहाबाद तहसील के अई, भलोखरा व जलालपुर, फिरोजाबाद जिले की शिकोहाबाद तहसील के धनपुरा, करनपुर, सुजावलपुर व फतेहपुर करखा, इटावा की सैफई तहसील के हरदोई व शिवपुरी टिमरूआ, कन्नौज की तिर्वा तहसील के अलीपुर अहाना व ठठिया, कानपुर नगर की बिल्हौर तहसील के अरौल व बहरामपुर गांव को यूपीडा में शामिल करने के लिए अधिसूचित किया गया है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे शामिल होने वाले गांव

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे गोरखपुर जिले की खजनी तहसील के बहादुरपुर बुजुर्ग, बहादुरपुर खुर्द, हरनही, गाजर जगदीश, डड़वा, सोनारी शंकर व बहुरीपार खुर्द तथा अंबेडकरनगर की जलालपुर तहसील के नूरपुर कला, अजमलपुर व गौरी बड़ाह गांव को यूपीडा में शामिल किया जाएगा। 

23 जिलों के 84 गांवों को किया जा चुका है शामिल

गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के किनारे 23 जिलों के 84 गांवों की जमीन को यूपीडा में शामिल करने के लिए अधिसूचित किया था।

सरकार का ये है लक्ष्य

एक्सप्रेसवे के जरिए औद्योगीकरण को तेज गति देने के लिए सरकार चाहती है कि इन परियोजनाओं के किनारे लॉजिस्टिक्स और भंडारण से जुड़े उद्योगों के अलावा खाद्य व दुग्ध प्रसंस्करण तथा कृषि आधारित उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कपड़ा व मशीन निर्माण व रसायन आदि क्षेत्रों से जुड़े उद्योग स्थापित किए जाएं। 

अधिसूचना जारी होने के बाद उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इन गांवों की जमीन अधिग्रहित करने की कार्यवाही करेगा। अधिग्रहित की जाने वाली जमीन पर यूपीडा उद्योगों की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करेगा ताकि वहां पर औद्योगिक नगर विकसित किए जा सकें।

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