राजस्थान में 30 दिन के भीतर मिलेगा जमीन का पट्टा, नही करना पड़ेगा महीनों इंतजार

Rajasthan News :राजस्थान  में पट्टे जारी करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन करने का प्लान बनाया जा रहा है । जनप्रतिनिधियों के सुझाव से पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा रहा है। आवेदन के 30 दिन के भीतर संबंधित निकाय आवेदक को पट्टा जारी या निरस्त करेगा। पट्टा निरस्त होने पर आवेदक दोबारा आवेदन कर सकेगा।

 

Rajasthan Assembly : राजस्थान  में पट्टे जारी करने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। आवेदक को 30 दिन में पट्टा मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए नए निगम बनाए जाएंगे। जनप्रतिनिधियों के सुझाव भी शामिल किए जाएंगे। अब कोई भी व्यक्ति जमीन के बदले जमीन का अनुचित लाभ नहीं ले सकेगा। जेडीए केवल उतनी ही रेट की जमीन वापस ले सकेगा, जीतने की जमीन दी गई है। 

सभी निकायों में पांच साल से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर लगे अधिकारियों व कर्मचारियों को मूल विभाग में भेजा जाएगा। साथ ही बड़े शहरों में 500 ई-बसें चलाई जाएंगी। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा शुक्रवार को विधानसभा में अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। सदन ने यूडीएच की 89 करोड़ 7 लाख 12 हजार रुपए की अनुदान मांगों व स्वायत्त शासन विभाग की 12 करोड़ 12 लाख रुपए की अनुदान मांगों को पारित कर दिया।  1 खरब 23 अरब 66 करोड़ 97 लाख 92 हजार।

तो अफसरों पर होगी कार्रवाई 

खर्रा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझाव से पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर पूरी तरह पारदर्शी बनाया जा रहा है। आवेदन के 30 दिन के भीतर संबंधित निकाय आवेदक को पट्टा जारी या निरस्त करेगा। पट्टा निरस्त होने पर आवेदक दोबारा आवेदन कर सकेगा। यदि गलत तरीके से पट्टा समाप्त किया जाना पाया गया तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। 

अब पांच साल से ज्यादा नहीं होगी प्रतिनियुक्ति 

मंत्री ने कहा कि अब यूडीएच में कोई भी व्यक्ति 5 साल से ज्यादा प्रतिनियुक्ति पर नहीं रहेगा। इन्हें तुरंत मूल विभाग में भेजा जाएगा। नागौर में हाउसिंग बोर्ड की 30 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। स्थानीय निकायों की टाउनशिप नीतियों में बदलाव कर सुधार किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण में मुआवजा उसी व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसके नाम जमीन अंतिम रूप से थी।

सराफ को जवाब, टोंक रोड 250 मीटर चौड़ा नहीं होगा

सुबह मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने मंत्री से कहा था कि एसी में बैठे अफसरों ने टोंक रोड को 250 मीटर चौड़ा करने की योजना बना रखी है। इसे बदलिए, नहीं तो हंगामा हो जाएगा। रात को जवाब में खैरी ने कहा- जवाहर नगर कच्ची बस्ती को वन क्षेत्र से मुक्त करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। जयपुर में टोंक रोड 250 मीटर चौड़ा नहीं होगा। जनप्रतिनिधियों के सुझाव से सफाई कर्मचारियों की भर्ती के पारदर्शी नियम बनाए जाएंगे। सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए खर्रा ने कहा कि पहले सफाई कर्मचारियों की भर्ती में नगरीय निकायों में दो साल के कार्य अनुभव का प्रावधान था, जिसे बाद में घटाकर एक साल कर दिया गया। बाद में इसमें निजी संस्थाओं के अनुभव को भी शामिल कर दिया गया, जिससे प्रक्रिया भ्रष्ट हो गई।