भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी में चल रही देरी, अब रोजाना सिर्फ 29 किलोमीटर रोड़ का होगा निर्माण

वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने पर मंत्रालय ने रोजाना 34 किलोमीटर राजमार्ग के आंकड़ों को हासिल किया है। इन्हीं नतीजे को देखते हुए मंत्रालय ने 2024-25 में 40 किलोमीटर राजमार्ग रोजाना बनाने का लक्ष्य रखा है।
 

National Highway : राज्य सरकारों की पर्यावरण मंजूरी और भूमि अधिग्रहण में उदासीनता के चलते केंद्र को नए राजमार्ग बनाने के लक्ष्य को कम करना पड़ेगा। चल रहे वित्त वर्ष 2024-25 में 10,421 किलोमीटर नए राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके अनुसार अब प्रतिदिन करीबन 29 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023-24 में 13814 किलोमीटर यानी 38 किलोमीटर प्रतिदिन नए राजमार्ग बनाए गए हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 खत्म होने पर मंत्रालय ने रोजाना 34 किलोमीटर राजमार्ग के आंकड़ों को हासिल किया है। इन्हीं नतीजे को देखते हुए मंत्रालय ने 2024-25 में 40 किलोमीटर राजमार्ग रोजाना बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन जून के पहले सप्ताह में मंत्रालय के सचिव व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान इस लक्ष्य को कम कर दिया गया है।

बिहार, झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ में आई गिरावट

मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण मंजूरी भूमि अधिग्रहण और अन्य जन-सुविधाओं को हटाने के कार्य में राज्य सरकार की एजेंसियों का काम होता है। इन सब के अभाव में सड़क निर्माण नहीं हो सकता। जानकारी अनुसार बताया जा रहा है कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि में भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी नहीं मिलने के कारण परियोजनाए ज्यादा लेट हो रही है।

10 साल में आई बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों में राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई को रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ाया है। पिछले 10 साल में करीबन 60% बढ़ोतरी रोड नेटवर्क में देखने को मिली है। आज के समय में अगर भारतीय राजमार्ग नेटवर्क की बात करें तो 1,46,145 किलोमीटर है। देश के राजमार्ग नेटवर्क में निवेश नौ गुना बढ़कर 3.01 लाख करोड़ रुपए हो गया है। विजन-2047 के अंतर्गत यह आंकड़ा 19.92 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।