घर खरीदने से पहले जान लें इन 10 सवालों के जवाब, मिलेगा बड़ा फायदा
Buy A New House : बड़ा होता है घर खरीदने का फैसला : घर खरीदने का फैसला बड़ा होता है. यह हड़बड़ी में नहीं लिया जा सकता है. घर खरीदने से पहले आपको कुछ सवालों का जवाब ढूंढ लेना चाहिए. आइए, यहां उन सवालों के बारे में जानते हैं.
क्या होम लोन की ईएमआई एफोर्ड कर सकते हैं?
होम लोन की ईएमआई आपके घर की इनकम का 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वह भी तब है जब आप पर दूसरे कोई लोन नहीं हों. अगर ईएमआई कुल इनकम का 50 फीसदी से ज्यादा है तो अन्य लक्ष्यों के साथ समझौता करना पड़ेगा.
क्या आपने अन्य खर्चों को ध्यान में रखा है?
एक घर के साथ दूसरे भी कई खर्च जुड़े होते हैं. विज्ञापन में जो कीमत दिखाई जाती है, वह सिर्फ बेस प्राइस होता है. बिल्डर उन सुविधाओं के लिए चार्ज ले सकता है जिन्हें आप सोचते हों कि फ्री हैं. इसके अलावा कानूनी लिखा-पढ़ी से जुड़ी भी फीस होती है. स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज अन्य खर्चे हैं.
क्या घर खरीदने और किराये पर रहने की समीक्षा की है?
शहरों में प्रॉपर्टी की बहुत ज्यादा कीमतों के चलते यहां किराये पर रहना बेहतर विकल्प है. आपको विश्लेषण करना चाहिए कि घर खरीदने या किराये पर रहने में से कौन बेहतर ऑप्शन है. इस तुलना के लिए तमाम कैलकुलेटर ऑनलाइन उपलब्ध हैं.
क्या लोन के ब्याज के मुकाबले प्रॉपर्टी की वैल्यू ज्यादा बढ़ेगी?
प्रॉपर्टी के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं. अगर आप कर्ज से निवेश के तौर पर प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो इस बात की समीक्षा करें कि क्या लोन के ब्याज के मुकाबले प्रॉपर्टी के दाम ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे.
क्या इसके चलते आपको दूसरे प्रमुख लक्ष्यों को टालना पड़ेगा?
अगर होम लोन की ईएमआई बहुत ज्यादा है तो यह रिटायरमेंट प्लानिंग जैसे दूसरे लक्ष्यों को पटरी से उतार देगी. डाउनपेमेंट की रकम का इंतजाम करने के लिए खरीदार को मौजूदा निवेश को भुनाना पड़ सकता है.
क्या आप उस घर में 10-15 साल रहेंगे?
अपने करियर की शुरुआत में ही घर खरीदना आपको किसी खास लोकेशन से बांध सकता है. ऐसे में आपको दूसरी जगह अच्छी नौकरी का मौका हाथ से गंवाना पड़ सकता है. सिर्फ तभी घर खरीदें जब आप पक्का कर लें कि अगले 10-15 साल आपको उसी शहर में रहना है.
क्या आपने इमर्जेंसी फंड बना लिया है?
रियल एस्टेट लिक्विड इंवेस्टमेंट नहीं है. आप इसे कम समय में नहीं बेच सकते हैं. न ही इसे टुकड़ों में बांट सकते हैं. निवेश तभी करें जब पता हो कि आपको पैसों की जरूरत जल्दी नहीं पड़ने वाली है. इसका मतलब यह है कि आपका एक इमर्जेंसी फंड तैयार है.
क्या आपको अपने घर से ठीकठाक रिटर्न मिलेगा?
कई लोग प्रॉपर्टी में इसलिए निवेश करते हैं कि उन्हें कीमत बढ़ने और किराये से अच्छा फायदा मिलेगा. लेकिन, सच यह है कि आपको 3-4 फीसदी से ज्यादा रेंटल इनकम की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
क्या होगा अगर इनकम रुक जाए?
क्या आपने सोचा है कि अगर किसी अनहोनी में आपको कुछ हो जाए तो क्या होगा? अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों और भविष्य के खर्चों को कवर करने के अलावा सभी बकाया लोन के बराबर इंश्योरेंस खरीदें.
क्या बिल्डर समय से डिलीवरी करेगा?
अगर बिल्डर घर का पजेशन देने में देरी कर दे तो खरीदार को दोहरी मार पड़ती है. उन्हें किराये के साथ ईएमआई भी देना पड़ता है. समय पर पजेशन नहीं मिलने से आप होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट को भी गंवा सकते हैं.
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