झारखंड में मोटे अनाज की खेती करने पर सरकार देगी 50 हजार तक प्रोत्साहन राशि, 30 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन

Millets Agriculture :इस अनाज की फसल उगाने पर खंड सरकार देगी किसानों प्रोत्साहन राशि, इस अनाज की खेती करने के लिए कम पानी और खर्च की आवश्यकता होती है।

 

Millets Agriculture : भारत के झारखंड में पिछले दो सालों से मानसून के ढंग से नहीं आने की वजह से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है, मानसून नहीं आने की वजह से किसानों की फसल नहीं बोई जाती खेत रह जाते हैं खाली, वहीं जिन किसानों ने फसल बिजाई करदी वह फसल बिना पानी के नष्ट हो जाती है, झारखंड के काफी इलाकों में  सुख का असर देखना पड़ रहा है, इस नुकसान को देखते हुए झारखंड सरकार की तरफ से मिले मिशन के अंतर्गत कम बारिश और थोड़े पानी में पकने वाली फसल धान गेहूं और दलहन के साथ-साथ है मोटे अनाज के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है

राज्य के किसान मोटा अनाज की उपज करने के साथ अब प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए झारखंड मिलेट मिशन की स्थापना की गई है. मडुआ, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, चीता, पुटकी जैसे मोटे अनाज की खेती करने पर किसानों को प्रति एकड़ 3 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. डायरेक्ट बेनिफिशरी ट्रांसफर के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में राशि पहुंचेगी. किसान न्यूनतम 10 डिसमिल से 5 एकड़ जमीन पर मोटे अनाज की खेती कर सकते हैं. 5 एकड़ पर 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले 10 किसानों को 50 हजार का पुरस्कार भी मिलेगा.

30 अगस्त तक ऑनलाइन करना होगा आवेदन

मोटे अनाजों को सुरक्षित रखने के लिए मिलेट बीज बैंक का भी गठन किया जाएगा. बैंक में मोटे अनाज के बीज रखे जाएंगे. स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पाद समूह, केवीके कृषक पाठशाला, सरकारी कैंपस व पैक्सों को बीज बैंक बनाया जाएगा. अनाज की कटाई के बाद संबंधित बैंकों में मोटे अनाज के बीज रखे जाएंगे. प्रत्येक बैंक में 100 टन तक बीज संरक्षित रहेंगे. 30 अगस्त तक मिशन वेब पोर्टल में प्रोत्साहन राशि के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा. मिशन वेब पोर्टल में आवेदन कर सकते हैं. 1 सितंबर से 15 नवंबर तक फील्ड सर्वे किया जाएगा. इसके बाद किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. वहीं राज्य के 10 सर्वश्रेष्ठ किसानों को 50 हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.