उत्तर प्रदेश में बनेंगे जापानी और कोरियाई शहर, 1700 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर बसेंगी दोनों आधुनिक सिटी

UP News : उत्तर प्रदेश के इस शहर में जापान कोरिया जैसा नजारा दिखने वाला है. प्रदेश में जापान की कंपनियां करीब 1000 एकड़ इलाके में 15000 करोड़ से ज्यादा का निवेश करने वाली है। जापान और कोरिया सिटी के लिए 1700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। 

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जापानी और कोरियन सिटी के लिए 1700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एयरपोर्ट के पास भी विनिर्माण के लिए जापानी और कोरियन सिटी विकसित करने की तैयारी अब और ज्यादा तेज कर दी है। 

NCR में रोजगार की बहार

आने वाली कुछ वर्षों में NCR में रोजगार की बहार आने वाली है। इन सिटी का निर्माण अलग-अलग सेक्टर में किया जाएगा. बता दे की सेक्टर 5ए में जापानी सिटी और सेक्टर 4ए में कोरियन शहर बसाया जाएगा। प्राधिकरण इन सेक्टरों को विकसित के लिए किसानों से सीधे 1700 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने वाला है.

17 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण 

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) जापानी और कोरियाई शहर को 17 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। वर्ग-5ए में जापानी के लिए 395 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है, जबकि वर्ग-4ए में कोरियाई शहर के लिए 365 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है। योजनाओं को आसानी से पूरा करने और जमीन विवाद से बचने के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदने की योजना बनाई जा रही है। 

इलेक्ट्रॉनिक सामान, चिप्स, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और कैमरे के निर्माण भी इस शहर का मुख्य आकर्षण रहेंगे। आवास, स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सुविधाएं जापानी और कोरियाई लोगों की पारंपरिक और व्यावसायिक आदतों पर आधारित होंगी। इस वर्ष सरकार जमीन खरीदेगी। यीडा के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि कोरियाई और जापानी शहर के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदेंगे।

1000 एकड़ की इस जापानी नगरी में बड़ी-बड़ी कंपनियां

यमुना विकास प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव में स्थानीय प्राधिकरण के साथ समझौता किया, जो यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस प्रस्ताव से क्षेत्र में बड़ी कंपनियों से विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा, जो आर्थिक और औद्योगिक विकास को सुनिश्चित करेगा। इससे आसपास के हजारों युवा भी काम पाएंगे। 1000 एकड़ की इस जापानी नगरी में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपनी जगह लेंगी। बाद में उन्हें उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में समर्पित किया जाएगा। इन कंपनियों के खुलने से क्षेत्र में विस्तार होगा और रोजगार के नए मौके पैदा होंगे, जो क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देगा। सरकारी बिजली सहित अन्य लाभ भी यहां मिलेंगे। इससे निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकता है।