Ajab Gajab :182 खम्बों पर टिका है 2 राज्यों को जोड़ने वाला 9 किमी. लंबा पुल
Saral Kisan : अगर आपसे पूछा जाए कि भारत का सबसे लंबा पुल कौन-सा है? तो आपका जवाब क्या होगा, शायद आप कहेंगे कि मुंबई स्थित बांद्रा-वर्ली सी लिंक, लेकिन ये जवाब गलत होगा, क्योंकि देश में इससे बड़ा भी एक पुल है, जो पूर्वी भारत में स्थित है. इस ब्रिज को ढोला सादिया या भूपेन हजारिका सेतु के नाम से जाना जाता है. Bhupen Hazarika Setu - The Longest Bridge in India
लोहित नदी पर बना भारत का यह सबसे लंबा पुल असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ता है. भूपेन हजारिका सेतु की लंबाई 9.15 किलोमीटर है और यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से 30 फीसदी ज्यादा लंबा है. इतना ही नहीं यह पुल दुनियाभर के सबसे लंबे पुल की लिस्ट में शुमार है. दुनिया का सबसे लंबा पुल चीन में स्थित दनयांग-कुनशन ग्रांड ब्रिज है.
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इस पुल का नाम ढोला सादिया इसलिए पड़ा, क्योंकि असम के तिनसुकिया जिले में स्थित ढोला और सादिया गांवों को आपस में जोड़ता है. वहीं, सादिया गांव से अरुणाचल प्रदेश की सीमा कुछ ही दूरी पर है. मई 2017 में इसके उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसक पुल का नाम भूपेन हजारिका सेतु रखने की घोषणा की.
9.15 किलोमीटर लंबा भूपेन हजारिका सेतु कुल 182 खंभों पर टिका हुआ पुल है. इसका निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और 950 करोड़ की लागत से यह 2017 में बनकर तैयार हुआ
भारत के इस सबसे लंबे पुल की खासियत है कि यह भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है और मजबूत इतना है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी इसके ऊपर से गुजर सकते हैं.
भूपेन हजारिका सेतु असम की राजधानी दिसपुर से 544 किलोमीटर और अरुणाचल के ईटानगर से 300 किलोमीटर दूर है. वहीं, चीन की सीमा से इसकी हवाई दूरी 100 किलोमीटर से भी कम है. लोहित नदी पर इस विशाल ब्रिज के बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच दूरी 165 किलोमीटर कम हो गई है.