उत्तर प्रदेश में गहरा सकता है खेत सिंचाई और पेयजल का संकट, 1 महीना बंद रहेगा ये बांध

UP News :उत्तर प्रदेश में एक बार फिर होगा पानी और बिजली संकट, शुरू होने जा रही टिहरी बांध परियोजना, टिहरी बांध भारत की सबसे बड़ी बांध परियोजना है, इसकी क्षमता 2400 मेगावाट होगी।

 

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में टिहरी बांध योजना सुरू होने से जून 2024 से लेकर जुलाई 2024 तक एक महीने बिजली उत्पादन बंद रहेगा। शटडाउन से गहराएगा बिजली का संकट। इस परियोजना के लिये मेरठ स्थित उत्तरी ग्रिड के अलावा केंद्र, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार से आज्ञा मिल गई है। ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि टिहरी बांध में बिजली शटडाउन से क्या यूपी और दिल्ली-एनसीआर के लोगों को खेती के लिए सिंचाई और पीने के पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी? 

टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन 1000 मेगावाट की पंप स्टोरेज प्लांट परियोजना के अंतर्गत बिजली उत्पादन की तैयारी करने जा रहा है। इसके लिये योजना में अंतिम चरण का काम पूरा होना है, जिसके चलते हजार मेगावाट टिहरी प्लांट एवं 400 मेगावाट कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन नहीं होगा।

हाइड्रो डेवलपमेंट प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद भारत की सबसे बड़ी टिहरी बांध परियोजना की क्षमता 2400 मेगावाट हो जायेगी। टिहरी टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन भागीरथीपुरम, टिहरी स्थित हाइड्रो पावर प्लांट से दो जून से एक माह का शटडाउन ले रहा है।

हाइड्रो पावर प्लांट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन टिहरी बांध से अपनी पूरी क्षमता 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू करेगा। इसके लिये पीएसपी से बिजली उत्पादन की तैयारी की जा रही है। हजार मेगावाट पंप स्टोरेज प्लांट की कमीशनिंग अंतिम चरण में है।

इसके कुछ काम बाकी है जो पूरे होने हैं, जिसके चलते एक महीने का शटडाउन लिया जा रहा है। जून में एक हजार मेगावाट टिहरी प्लांट एवं चार सौ मेगावाट कोटेश्वर से बिजली उत्पादन बंद रहेगा। 

शटडाउन के बाद मिलेगी पूरी बिजली और पीने का पानी 

शटडाउन लेने के बाद भी हरिद्वार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को सिंचाई पीने के पानी की दिक्कत नहीं होगा। इन दिनों टिहरी बांध की दो नदियों भागीरथी और भिलंगना से 300 क्यूमेक्स पानी प्रवाहित हो रहा है, जबकि अलकनंदा में 400 क्यूमेक्स पानी मिलने के बाद देवप्रयाग में गंगा में 700 क्यूमेक्स पानी बह रहा है।

इससे सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत नहीं होगी। सीएमडी ने बताया कि टिहरी बांध परियोजना 2400 मेगावाट पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद उत्तराखंड में भी काफी हद तक बिजली संकट कम हो जायेगा।

शटडाउन होगी बिजली की किल्लत 

पहले से बिजली संकट से जूझ रहे उत्तराखंड की दिक्कत बढ़ने वाली हैं। शटडाउन के चलते उत्तराखंड को टीएचडीसी से मिलने वाली 61.79 मेगावाट बिजली नहीं मिलेगी। जबकि देश के उत्तरी ग्रिड मेरठ के सामने 1400 मेगावाट बिजली की कमी पूरी करने की चुनौती होगी।

उत्तरांखड में ऊर्जा निगम पहले से ही पीक टाइम में बिजली की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में एक माह तक गरमी में टीएचडीसी से मिलने वाली बिजली न मिलने से दिक्कत बढ़ सकती है।