INS Imphal: इंडियन नेवी को मिला समंदर का सिकंदर, अब पानी में छूटेगे दुश्मनों के पसीने
Saral Kisan, नई दिल्ली : मंगलवार को भारतीय नौसेना में स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इंफाल शामिल हो गया। मुंबई के एकमात्र डॉकयार्ड में आईएनएस इंफाल नौसेना में कमीशन होने का कार्यक्रम हुआ है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। यह सतह पर ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस है। याद रखें कि ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री की रफ्तार से दुश्मनों पर हमला कर सकती है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की समुद्री क्षमता आईएनएस इंफाल से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों से मजबूत होगी।
पहला युद्धपोत जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर पर रखा गया है, INS इंफाल है। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण मानते हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने INS इंफाल कमीशन के दौरान कहा, "INS इंफाल न केवल समुद्र या उससे उत्पन्न होने वाले भौतिक खतरों से निपटेगा, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह भारत की प्रदर्शित ताकत के माध्यम से, हमारी राष्ट्रीय एकता को नष्ट करने की कोशिश कर रहे नापाक मंसूबों को रोक देगा।
उन्होंने कहा, "जैसा कि हम बोल रहे हैं, हमारे पास व्यापारी जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए 15 अल्फा और ब्रावो श्रेणी के चार विध्वंसक तैनात हैं।मालूम हो कि पोत की कुल लंबाई 164 मीटर है और इसका वजन 7,400 टन है। यह पोत विध्वंसक मिसाइलों, सतह से मार करने वाली मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस है। यह ब्रह्मोस मिसाइल से लैस युद्धपोत है। 7400 टन वजनी INS इंफाल 163 मीटर लंबा है और इसकी 75% सामग्री स्वदेशी है। इंफाल 56 km/h की रफ्तार से चल सकता है।
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