Indian Railway : ट्रेन में सफर के दौरान साथ ले जा सकते हैं इतनी शराब की बोतल, जानिए रेलवे के ये नियम

How much liquor can I carry in train: शराब पीना हर त्योहार की पहल बन चुका हैं। इसी के चलते अधिकतर लोग इसके इतने आदी हो जाते हैं कि कहीं सफर में भी शराब को नहीं भुलते। लेकिन आपको बता दें कि ट्रेन में शराब ले जाने को लेकर रेलवे के बेहद सख्त नियम है, आइए जानते हैं कानून तोडने की सजा...

 

How much liquor can we carry in train: भारतीय रेलवे हर दिन करोड़ों लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचाता है. आप अपने साथ एक तय सीमा तक लगेज यानी सामान अपने साथ ही लेकर यात्रा कर सकते हैं. ट्रेन में वैसे तो लगभग कोई भी सामान लेकर चलने की अनुमति रेलवे देता है, लेकिन कुछ चीजे हैं जिन्हें वर्जित किया गया है. इनमें सिलेंडर व अन्य ज्वलनशील पदार्थ शामिल हैं. कई बार यात्री ट्रेन में शराब लेकर भी यात्रा करते हैं. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल भी रहता है कि क्या ट्रेन में शराब लेकर यात्रा करने की अनुमति है?

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) ने कहा कि ट्रेन में शराब लेकर जाना बिलकुल मना है. यानी आप शराब लेकर ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते हैं. अगर आप ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो आपके खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 165 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

क्या होगी कार्रवाई

उपरोक्त अधिनियम के तहत अगर कोई व्यक्ति ट्रेन में वर्जित वस्तुओं को लेकर जाता पकड़ा जाता है उस पर 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके अलावा शख्स द्वारा लाए गई वर्जित सामग्री के चलते अगर किसी तरह का नुकसान या दुर्घटना होती है तो उसका खर्च भी दोषी शख्स ही वहन करेगा.

कई राज्यों में नहीं अनुमति

अगर आप ट्रेन में शराब लेकर यात्रा करते हैं और मान लीजिए कि ट्रेन में चेकिंग के दौरान किसी तरह आप बच भी जाते हैं तो भी कई राज्यों में आप मुसीबत में फंस सकते हैं. ये राज्य ड्राई स्टेट कहलाते हैं जहां शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है. मसलन, बिहार और गुजरात ऐसे 2 राज्य हैं जहां आप स्टेशन पर शराब के साथ पकड़े गए तो आप कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं.

खुली बोतल मिलने पर कार्रवाई

अगर शराब की बोतल खुली मिली तो आरपीएफ उस व्यक्ति पर शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में जुर्माना लगा सकती है. इसके अलावा ट्रेन एक राज्य से दूसरे राज्य जा रही है तो यह शराब के संबंध में टैक्स चोरी का भी मामला हो सकता है. ऐसे में दोषी को जीआरपी को सौंपा जाएगा और उसके बाद उस राज्य का आबकारी विभाग नियमानुसार कार्रवाई करेगा.

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