Indian Railway : भारत के 100 से 150 वर्षों पुराने ये अनोखे रेलवे स्टेशन नहीं हैं किसी महल से कम
भारत में 7000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। इनमें छोटे-छोटे से लेकर महानगरों के बड़े रेलवे जंक्शन हैं। सबसे खास बात यह है कि देश के कुछ रेलवे स्टेशन अपनी अलग पहचान रखते हैं।
Saral Kisan - भारत में 7000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। इनमें छोटे-छोटे से लेकर महानगरों के बड़े रेलवे जंक्शन हैं। सबसे खास बात यह है कि देश के कुछ रेलवे स्टेशन अपनी अलग पहचान रखते हैं; कुछ 150 साल पुराने हैं और दूसरे खाने के लिए प्रसिद्ध हैं। कई स्टेशनों में विशेषताएं भी हैं। हम आपको देश के उन रेलवे स्टेशनों की चर्चा करेंगे जो आज भी अपनी अलग पहचान रखते हैं। अगर कभी आप इन स्टेशनों से गुजरने का अवसर मिले तो उनकी खूबसूरती को देखने का अवसर बिल्कुल ना छोड़ें।
10 साल में बनकर तैयार हुआ CST -
मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस अपनी खूबसूरती के कारण देश ही नहीं दुनिया में मशहूर है इसलिए इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला है. 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों के जमाने में बने इस स्टेशन को पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था. खास बात है कि इस रेलवे स्टेशन को बनने में पूरे 10 साल का समय लगा था. विक्टोरिया टर्मिनस को मुंबई की शान कहा जाता है. अक्सर आपने कई बॉलीवुड फिल्मों में इस स्टेशन की खूबसूरती को देखा होगा.
नदी के तट पर बसा हावड़ा जंक्शन -
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुगली नदी के तट पर बसा हावड़ा जंक्शन भी अपने नायाब आर्किटेक्ट के लिए देशभर में फेमस है. यहां रोमन और बंगाली आर्किटेक्चर का मिश्रण देखने को मिलता है. इस स्टेशन की सबसे खास बात है कि यहां 23 प्लेटफॉर्म है और देश का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है. माना जाता है कि इस स्टेशन पर रोजाना 8-10 लाख लोग आते हैं. लाल पत्थरों से बनने हावड़ा जंक्शन की सबसे मुख्य पहचान यहां लगी बोरो घड़ी है.
महल से कम नहीं चारबाग रेलवे स्टेशन -
बेहतरीन आर्किटेक्चर के मामले में लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन भी देश-दुनिया में फेमस है. इस स्टेशन का निर्माण भी आज से 100 साल पहले अंग्रेजों के जमाने में हुआ था. बड़े गुंबद और मीनारों के साथ-साथ यह स्टेशन सुंदर बगीचे के बीच बना है इसलिए देखने में यह किसी शाही महल से कम नहीं लगता है. कहा जाता है कि जब यह स्टेशन बनकर तैयार हुआ था तो लोगों की नजरें इस पर से हटती नहीं थी. एरोप्लेन से देखने पर चारबाग स्टेशन एकदम शतरंज जैसा दिखता है.
काचीगुड़ा पर कभी थी पर्दा प्रथा -
हैदराबाद में स्थित काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन 116 साल पुराना है. यह स्टेशन किसी जमाने में पर्दाप्रथा के लिए जाना जाता था, क्योंकि यहां महिलाओं के लिए अलग से जगह होती थी जिसमें पर्दा लेने का रिवाज था. यह स्टेशन शुरुआत में गोदावरी वैली लाइट रेलवे के नाम से भी जाना जाता था.