Income Tax Refund : 35 लाख लोगों को नहीं मिला रिफंड, जानिए कैसे आएगा पैसा

Income-Tax Refund : आयकर विभाग के पास 35 लाख से अधिक इनकम टैक्स रिफंड के मामले अटके हुए हैं। करदाताओं के बैंक खातों के मिलान और सत्यापन में आ रही दिक्कतों के कारण रिफंड के मामलों में देरी हो रही है। विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स से संपर्क करने के लिए एक स्पेशल कॉल सेंटर स्थापित कर रहा है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

 

Saral Kisan News: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income-Tax Department) के पास 35 लाख से अधिक रिफंड (Refunds) के मामले अटके हुए हैं। रिफंड जारी करने में यह देरी करदाताओं के बैंक खातों के मिलान और सत्यापन में आ रही दिक्कतों के कारण है। कर अधिकारी ऐसे टैक्सपेयर्स से संपर्क करने के लिए एक स्पेशल कॉल सेंटर स्थापित कर रहे हैं। केद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभाग करदाताओं के सही बैंक खातों में जल्दी से रिफंड जमा करना चाहता है।

दिखाई दे रहे पुराने डिमांड नोटिस

उन्होंने कहा कि विभाग ने 2011 के आसपास एक तकनीकी बदलाव किया था और उस समय से पहले के कुछ पुराने डिमांड नोटिस अब करदाताओं के खातों में दिखाई दे रहे हैं। इन पुराने डिमांड नोटिस के कारण रिफंड मामलों में देरी हो रही है।

ऐसे मामलों के लिए विभाग ने बनाया सिस्टम

गुप्ता ने बताया कि विभाग ने ऐसे सभी मामलों के लिए एक यूनिक डिमांड मैनेजमेंट फेसिलिटेशन सिस्टम शुरू किया था। इस सिस्टम के तहत करदाताओं को एक ईमेल भेजा जाता है। इसमें कहा जाता है कि उन्हें तीन दिन में एक दिये गए नंबर से फोन आएगा। इस फोन कॉल के दौरान करदाताओं के मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाता है।

1 साल में 1.4 लाख मामले सुलझाए

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में मैसूर स्थित इस कॉल सेंटर ने 1.4 लाख मामलों को हल किया है। इन मामलों में, करदाताओं को डिमांड नोटिस को स्वीकार करने या उसे चुनौती देने का विकल्प दिया जाता है।

अन्य शहरों में भी होगा विस्तार

गुप्ता ने कहा कि यह कॉल सेंटर शुरू में कर्नाटक और गोवा, मुंबई, दिल्ली, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र की चार रेंजों के लिए काम कर रहा था। लेकिन अब इसे अन्य क्षेत्रों और शहरों में विस्तारित करने की योजना है।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश के इस ज‍िले को 8 नए विद्युत उपकेंद्र की मिली बड़ी सौगात, जमीन भी कर ली गई चिन्हित