सोशल जगत में छाई रेवड़ी कैसे बनती है, राजनीति गलियारों में भी है खास महत्व
Saral Kisan : अक्सर राजनीतिक गलियारों में नई बातें और शब्द सुनने में मिल जाते हैं। कुछ शब्दो का चर्चा काफी ज्यादा का विषय बन जाते हैं। आजकल राजनीति में यह शब्द 'रेवड़ी कल्चर' बहुत चर्चा में भी है। इस पर सवाल भी उठाया गया था, क्योंकि PM नरेंद्र मोदी ने जनता को मुफ्त स्कीमों को 'रेवड़ी कल्चर' भी कहा था। हम इस लेख में आपको बताएंगे कि रेवड़ी क्या है और यह कैसे बनाया जाता है, जो राजनीतिक उठापटक और आरोप-प्रत्यारोप का विषय है -
रेवड़ी का खास महत्व?
साल के शुरू होते ही देश भर में एक न एक त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। साल की शुरुआत में ही लोहड़ी और मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। बुजुर्गों से बच्चों तक सब उत्साहित हैं। पतंगबाजी, तिल के लड्डू, मूंगफली की चिक्की, मुरमुरे और रेवड़ी की दुकानों से लेकर घरों तक सब कुछ बेच दिया जाता है।
स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज्यादा लाभकारी -
इनमें रेवड़ी हैं, जो न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी हैं। तिल में मौजूद तेल शरीर को गर्म करने के अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, इसलिए यह सर्दियों में अधिक होता है। आज हम इसका निर्माण कैसे होता है बतायेंगे।
रेवड़ी की सामग्री और प्रक्रिया -
रेवड़ी काफी खस्ता और क्रिस्पी होती हैं जो सफेद तिल, घी और चीनी से बनाई जाती है। आपको बता दे की तिल को हल्के ब्राउन रंग में मिश्रण कर निकाल भी दें। फिर घी गर्म होने पर एक कड़ाही में चीनी, पानी और लगातार चलाते हुए तीन तार की चाशनी बना ले. भुने हुए तिल को थोड़ा और पका ले। ध्यान रखें कि इसे ज्यादा गाढ़ा या पतला नहीं बनाना चाहिए। गैस बंद करके इसे किसी अलग बर्तन में निकालकर इसे चाहे जितने छोटे छोटे टुकड़ों में काट ले।
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