UP सरकार की ई-पड़ताल योजना का कैसे मिलेगा किसानों को फायदा, जानिए

उत्तर प्रदेश कृषि पर आधारित है। यहां पर 70 प्रतिशत से अधिक लोग खेती करते हैं। यहां किसान पारंपरिक फसलों के अलावा फल, सब्जी और फूलों की खेती करते हैं। यही कारण है कि गेहूं, आलू, आम और गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य है।
 

Saral Kisan - उत्तर प्रदेश कृषि पर आधारित है। यहां पर 70 प्रतिशत से अधिक लोग खेती करते हैं। यहां किसान पारंपरिक फसलों के अलावा फल, सब्जी और फूलों की खेती करते हैं। यही कारण है कि गेहूं, आलू, आम और गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य है। लेकिन बारिश और सुखाड़ से लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। लेकिन यूपी के कृषकों को अब फसल नुकसान को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अब उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा समय पर मिल सकेगा।

वास्तव में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों की आय को बढ़ाने और योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण 'ई-पड़ताल' शुरू करने जा रही है। इस ई-पड़ताल का मुख्य उद्देश्य राज्य में फसलों की सूची प्राप्त करना है। आखिरकार, सरकार जानना चाहती है कि राज्य में किस तरह की फसलों का रकबा है। अब प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को नुकसान होने पर किसानों को जल्दी मुआवजा देना आसान हो जाएगा।

54 जिलों में ई-पड़ताल का सर्वे किया जाएगा

खास बात यह है कि अभी योगी सरकार खरीफ फसलों का ई-परीक्षण दो चरणों में करेगी। इसके लिए 10 अगस्त से 15 सितंबर तक एक कैम्पेन होगा। ई-पड़ताल के पहले चरण में 21 जिलों में सर्वेक्षण किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में 54 जिलों में सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके लिए राज्य, जिला और तहसील स्तर पर योगी सरकार ने चार कमेटी बनाई हैं। मुख्य सचिव इन कमेटियों की अध्यक्षता करेगा।

6 बिंदुओं में फ्रेमवर्क बनाया गया है

खास बात यह है कि "ई-पड़ताल" के माध्यम से न केवल फसलों का डेटा संकलित किया जाएगा, बल्कि 6 प्वाइंट में किसानों की आय बढ़ाने का फ्रेमवर्क भी बनाया जाएगा। किसानों को योजनाओं का लाभ ई-पड़ताल से मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसान भाई सब्सिडी पा सकते हैं। फसलों की एमएसपी निर्धारित करने में एकत्रित डेटा भी उपयोगी हो सकता है।

इन शिक्षकों को लखनऊ में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य के 75 जिलों की 350 तहसीलों में 31002 अकाउंटेंट से 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर का डेटा इस सर्वे में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर में फसलों के चित्र, स्थान और संबंधित डेटा डाला जाएगा। यह सर्वे प्रत्येक जिले में "जिला मास्टर ट्रेनर्स" और प्रत्येक तहसील में "तहसील मास्टर ट्रेनर्स" का नामांकन करेगा। इन शिक्षकों को लखनऊ में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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