देश में ट्रकों के लिए बनाए जाएंगे हाईस्‍पीड कॉरिडोर, 85 Kmph भर सकेंगे रफ़्तार

High Speed Corridors : देश की जनता को राहत पहुंचाने वाली खबर सामने आ रही है। सरकार लॉजिस्टिक की लागत कम करने को लेकर मास्टर प्लान तैयार कर रही है। सरकार हर वर्ष बनाएगी 2500 किलोमीटर की हाई स्पीड कॉरिडोर। 

 

Ministry of Road Transport and Highways : देश की जनता के लिए महंगाई की इस दौर में कुछ रात वाली खबर सामने आ रही है। लॉजिस्टिक के खर्च को कम करने के लिए सरकार बड़ी तैयारी कर रही है। इस मास्टर प्लान पर काम भी शुरू हो चुका है। सरकार ट्रकों के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण करेगी. इन हाई स्पीड कॉरिडोर से ट्रक को सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए कम समय लगेगा। बिना रुके कम समय में समान पहुंचने से लॉजिस्टिक का खर्च कम होगा जिसका सीधा असर चीजों पर पड़ेगा. लॉजिस्टिक की लागत कम होने से चीज सस्ती होगी. 

हाई स्पीड कॉरिडोर 

देश में हाई स्पीड कॉरिडोर निर्माण को लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक बैठक का आयोजन किया. देश में मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान समय में ट्रकों की और स्पीड 47 किलोमीटर प्रति घंटे है. सरकार ट्रक की और स्पीड 47 से बढ़कर 85 किलोमीटर करने का प्लान बना रही है. ट्रकों की और स्पीड की तुलना अगर उस में तीन से की जाए तो उस में 100 किलोमीटर और चीन में 90 किलोमीटर और स्पीड है. यही मुख्य कारण है कि वहां लॉजिस्टिक का खर्चा कम होता है. बता दें कि उस में 12 फ़ीसदी और चीन में 8 फ़ीसदी लॉजिस्टिक्स लागत है. 

जल्दी शुरू होगा निर्माण कार्य

हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण करके ट्रकों की और स्पीड बढ़ाई जाएगी। हाई स्पीड कॉरिडोर ट्रकों की औसत स्पीड को बढ़ाते हैं। आज देश में सिर्फ 3900 किमी. का हाई स्पीड कॉरिडोर है। 2026 से 2027 तक अगले तीन वर्षों में करीब 7000 किमी. निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार, हर साल लगभग 2500 किमी. लंबे हाईस्पीड कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इसके लिए कॉरिडोर चुने गए हैं।मंत्रालय ने कहा कि इनका काम भी जल्द शुरू होगा।

73% माल ढुलाई सड़क से 

हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि लाजिस्टक लागत नौ फीसदी तक होगी। इसके बारे में मंत्रालय में एक बैठक हुई है, जिसमें हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण को तेजी से पूरा करने के उपायों पर चर्चा हुई है। वर्तमान समय में 73% माल ढुलाई सड़क से होती है। जब हाई स्पीड कॉरिडोर बनाए जाते हैं, तो माल को देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंचाने में कई दिन लगते हैं। इससे समय और ईंधन बचेंगे।