क्या आपने करवा रखा है LPG सिलेंडर का इन्श्योरेन्स, हादसा होने पर मिलेंगे इतने रूपये

Lpg Insurance Policy : हर घर को गैस सिलेंडर की आवश्यकता होती है, इसलिए आज हर घर में गैस सिलेंडर उपलब्ध हैं। लेकिन कभी-कभी इससे दुर्घटना होती है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि गैस सिलेंडर खरीदने के साथ बीमा भी मिलता है। हम पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे..
 

Lpg Insurance Policy : देश में अब घर-घर एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार की बड़ी योजना से गरीब लोगों की रसोई में भी एलपीजी सिलेंडर मिल गए हैं। एलपीजी सिलेंडर से हुए दुर्घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।

कुछ दिन पहले संसद में केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि एलपीजी गैस सिलेंडर के कारण देश में पिछले पांच वर्षों में 4082 दुर्घटनाएं हुईं। यानी हर साल औसतन 816 हादसे होते हैं। गैस सिलेंडर दुर्घटना में उपभोक्ता को जान-माल की क्षति का बीमा भी मिलता है। लेकिन इक् का-दुक् का उपभोक्ता जानकारी के अभाव में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से इंश् योरेंस खरीदते हैं।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी फॉर ऑयल इंडस्ट्री के तहत बीमा पॉलिसी लेती हैं। सभी एलपीजी कस्टमर, जो ओएमसी के साथ रजिस्टर्ड हैं, इसमें शामिल हैं। 50 लाख रुपये का कवर हो सकता है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस पॉलिसी में चलते हुए एलपीजी दुर्घटना से होने वाले नुकसान की बीमा करती हैं। इसमें शर्त है कि सिलेंडर जिसके नाम पर है, उसी को बीमा राशि मिलेगी। इसमें नॉमिनी बनाने की अनुमति नहीं है।

कितनी राशि मिलती है?

एलपीजी सिलिंडर की वजह से हादसे में हुए जान माल के नुकसान के लिए ग्राहक को व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा प्रदान किया जाता है। हादसे में ग्राहक की संपत्ति या घर को 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है। मृत्यु होने पर 6 लाख रुपये का बीमा मिलता है। हर दुर्घटना पर दो लाख रुपये प्रति व्यक्ति के मेडिकल खर्च का भुगतान किया जाता है, कुल 30 लाख रुपये। दुर्घटना से पीड़ित व्यक्ति को 10 लाख रुपये से अधिक की क्षतिपूर्ति दी जा सकती है।

क्या आपको क्लेम मिलेगा?

वेबसाइट https://www.mylpg.in/docs/ पर एलपीजी इंश् योरेंस के नियम और शर्तों को पढ़ें। ग्राहक को बीमा कंपनी से सीधे क्लेम के लिए आवदेन करने या उससे संपर्क करने की जरूरत नहीं होती। आपकी क्लेम फाइल ही ऑयल कंपनी की है।
करके मुआवजा देती है. उपभोक्‍ता को दुर्घटना अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और नजदीकी पुलिस स्टेशन को हादसे की सूचना देनी होती है. क्लेम के लिए पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR की कॉपी के साथ मेडिकल की रसीद, हॉस्पिटल का बिल और मृत्‍यु होने की स्थिति में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट पेश करना होगा.

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