क्या आपने कभी देखा है ट्रेन का सबसे महंगा कोच और उसकी सीटें? चलिए जानते है पूरी डिटेल
Train Coach : वैसे तो ट्रेन पर सवार सभी यात्री एक समान समय पर अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं। लेकिन कोच और टिकट की सुविधाएं बहुत अलग हैं। आप जानते हैं कि ट्रेन का कौन सा कोच सबसे महंगा है और इसमें क्या सबसे खास है।
पै पह भागते हैं। आपको पता होगा कि फर्स्ट एसी स्लीपर ट्रेन में सबसे महंगा कोच है। इसकी सीटें बहुत चौड़ी होती हैं, यह एक समान कक्ष है। Fort A&M Corporation के हर कंपार्टमेंट में दो या चार सीटें होती हैं। इसमें न तो अपर सीट है न ही साइड लोअर सीट। जिस कंपार्टमेंट में सिर्फ दो सीटें होती हैं, उसे कूप कहते हैं, और जिसमें चार सीटें होती हैं, उसे केबिन कहते हैं। ऐसे कोच में सिर्फ 10 से 18 लोगों की जगह होती है और इसका किराया लगभग फ्लाइट की तरह होता है।
टीयर-2 एसी (Tier-2 AC), जिसमें स्लीपर बर्थ लगी होती है, ट्रेन में दूसरा सबसे महंगा कोच है। इसमें हर सीट, पर्दे और लेगरूम के लिए रीडिंग लैंप लगे हैं। इस कोच के पास सिर्फ अपर बर्थ और लोअर है। मिडिल बर्थ नहीं लगता। ब्रॉड गेज ट्रेनों में 46 यात्री बोगी में सफर कर सकते हैं। यात्रियों की निजी सुरक्षा के लिए हर बर्थ पर पर्दे लगे हैं। हर सीट पर चादर, तकिया और कंबल मिलता है।
बाद में नंबर आता है थ्री-टीयर AC, जिसमें स्लीपर बर्थ होता है। प्रत्येक सेक् शन में आठ सीटें हैं। लोअर और अपर बर्थ के साथ मध्य बर्थ भी है। साइड में दो बर्थ भी हैं। यद्यपि इसमें रीडिंग लैंप नहीं है, हर बर्थ के लिए चादर, तकिया और कंबल मिलता है। एक थर्ड एसी कोच वाली ब्रॉड गेज ट्रेन में 64 यात्री सफर कर सकते हैं।
थ्री टीयर एसी-इकनॉमी (Three-Tier AC Economy) भी थर्ड एसी की तरह ही कोच होती है, लेकिन इसकी चौड़ाई कम है। Garib Rath Express जैसी ट्रेनों में इस तरह के कोच होते हैं और उनका किराया सामान्य थ्री एसी कोच से कम होता है।
ट्रेन पर एक अतिरिक्त AC कोच भी है, जो स्लीपर की जगह बैठता है। यह कोच Executive Chair Car कहलाता है। हर पंक्ति में चार सीटें हैं। इनका प्रयोग शताब् दी एक् सप्रेस और तेजस (Tejas Express and Shatabdi Express) में होता है। स्लीप एसी कोच की तुलना में इनका किराया भी कुछ कम है।
जैसे ही आप एग्जीक् यूटिव चेयर कार से थोड़ा नीचे उतरें, ट्रेन में चेयर कार एसी (Chair Car AC) कोच भी होंगे। यह बोगी पूरी तरह से एसी है और हर पंक्ति में पांच सीटें हैं। यह सबसे अच्छा विकल्प है अगर आप एक दिन की यात्रा कर रहे हैं। इस तरह की सीटें गरीब रथों, डबल डेकरों और शताब्दी ट्रेनों में उपयोग की जाती हैं।
भारतीय रेलवे में सबसे आम कोच स्लीपर क्लास नॉन एसी हैं। किसी भी ट्रेन में सबसे अधिक कोच इसी तरह का विचार करते हैं। 8 फ़मेंटॉक्स 8 ट में -गाट-TRANSPROM 8 -Cच बाकी के मुकाबले इसका किराया भी काफी कम है। ऊपर से आप आराम से सो सकते हैं।
यदि जनरल कोच को छोड़ दिया जाए तो ट्रेन का सबसे सस्ता रिजर्व कोच सेकंड सिटिंग गैर-AC होता है। इसमें सिर्फ बैठने के लिए सीटें हैं। कोच में एसी भी नहीं होता, और एक बर्थ पर तीन लोग बैठ सकते हैं।
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