उत्तर प्रदेश से सीधा जुड़ेगा हरियाणा, 94 गावों की जमीन अधिग्रहण कर बन रहा 120 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे

UP News : उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक बनने वाले सिक्स लेन एक्सप्रेस वे से चार राज्यों को बड़ा फायदा पहुंचाने वाला है। इस सिक्स लाइन एक्सप्रेसवे की लंबाई 120 किलोमीटर होगी। यह सिक्स लाइन एक्सप्रेस वे हरियाणा व उत्तर प्रदेश के 94 गांव की जमीन अधिग्रहण करके बनाया जा रहा है। 

 

Ambala-Shamli Expressway - अंबाला शामली एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह सिक्स लाइन एक्सप्रेसवे हरियाणा के अंबाला से यूपी के शामली तक बनेगा। इस 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस को बनाने में 3660 करोड रुपए का खर्च आएगा।  अंबाला शामली एक्सप्रेस वे से चार राज्यों को फायदा होगा। यह 120 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे हरियाणा, राजस्थान , उत्तर प्रदेश और पंजाब के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। अंबाला, यमुनानगर और शामली तीनों को मिलाकर कूल 94 गावों की जमीन अधिग्रहित की गई है.

अंबाला-शामली एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हरियाणा के अम्बाला में अंबाला-चंडीगढ़ रोड से होगा। यह फिर उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पहुंचेगा, कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर होते हुए. इसके बाद, यह दिल्ली-शामली-सहारनपुर फोरलेन को जोड़ते हुए दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर में पहुंचेगा। थाना भवन इसका आखिरी बिंदू है. भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा छह लेन एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड कॉरिडोर है, जिसकी राइट ऑफ वे करीब 60 मीटर है।

उत्तर प्रदेश में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 45 किलोमीटर है। हरियाणा में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 75 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे के लिए हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और शामली जिले के 94 गांवों जमीनों का अधिग्रहण हुआ है। जमीन अधिग्रहण अंबाला की 58 गांव, यमुनानगर के 12 गांव और शामली जिले के 24 गांव का हुआ हैं। 

तीन कंपनियां कर रही है काम 

अंबाला शामली एक्सप्रेसवे को बनाने की जिम्मेदारी तीन कंपनियों को सौंपी गई है। इस हाईवे का निर्माण कार्य जोरों शोरों से चल भी रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कार्य चल रहा है। हरियाणा के 75 किलोमीटर वाले हिस्से में जमीनों को समतल करना, मिट्टी डालना और अर्थवर्क का कार्य चल रहा है।

सफर का समय होगा कम 

पश्चिमी यूपी, पश्चिमी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के उत्तरी और पश्चिमी जिलों को इस एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। अम्बाला से शामली जाने के लिए अभी कोई सीधा रास्ता नहीं है, इसलिए करनाल होते हुए जाना पड़ता है। इस सफर में दो से ढाई घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद एक से डेढ़ घंटे ही लगेंगे।