हरियाणा के इस रेलमार्ग का प्रस्ताव हुआ रद्द, तीन बैठकों के बाद भी नहीं निकला हल

यमुनानगर और चंडीगढ़ के बीच 91 किलोमीटर की एक रेलवे लाइन बनाई जानी थी। इसकी लागत 875 करोड़ रुपये थी। 25 करोड़ रुपये भी सर्वे को दिए गए थे। हालाँकि, इस परियोजना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।

 

Saral Kisan : यमुनानगर और चंडीगढ़ के बीच 91 किलोमीटर की एक रेलवे लाइन बनाई जानी थी। इसकी लागत 875 करोड़ रुपये थी। 25 करोड़ रुपये भी सर्वे को दिए गए थे। हालाँकि, इस परियोजना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर जिले इससे प्रभावित हैं। 

चंडीगढ़-यमुनानगर रेलवे का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया है। रेलवे और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच करीब तीन बार बैठक हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।

चंडीगढ़-नारायणगढ़-यमुनानगर रेलवे लाइन परियोजना पिछले कई वर्षों से अंतिम चरण में है। यह परियोजना 2013-14 के बजट सत्र में चर्चा हुई थी और इसके सर्वे के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट भी रखा गया था, लेकिन नौ साल बाद भी काम नहीं शुरू हुआ। राज्य सरकार इस परियोजना को बनाने के लिए आधा धन और रेल मंत्रालय को आधा धन देना था। यह रेलवे लाइन 91 किलोमीटर लंबी होगी और इसके निर्माण की अनुमानित लागत 875 करोड़ रुपये होगी।

चंडीगढ़-नारायणगढ़-यमुनानगर रेल लाइन का निर्माण करने से क्षेत्र में कारोबार और रोजगार बढ़ेंगे। रेल कनेक्टिविटी से अर्थव्यवस्था और तेज गति से विकास होगा। इस परियोजना से सढौरा, नारायणगढ़, रायपुररानी, बरवाला, रामगढ़ और पंचकूला में भी नौकरी मिलेगी।

2013-14 में रेलवे ने चंडीगढ़-यमुनानगर रेल मार्ग की पेशकश की थी। केंद्रीय सरकार ने इस प्रस्ताव को बाद में रद्द कर दिया। आज कोई योजना नहीं है। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता 

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