गुरुग्राम से दिल्ली एयरपोर्ट आना जाना होगा आसान, हाईटेक सुविधाओं से लैस 8 लेन की सुरंग बनकर होगी तैयार
Dwarka Expressway : टनल का डिजाइन आधुनिक है। टनल में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ एक कंट्रोल रूम और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। गुड़गांव से फरीदाबाद, मानेसर से एयरपोर्ट आवागमन बेहद आसान हो जाएगा।
Haryana News : द्वारका एक्सप्रेसवे पर बनी इस सुरंग की बदौलत आईजीआई एयरपोर्ट, गुरुग्राम, वसंत कुंज, द्वारका और अलीपुर की तरफ आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। हाईटेक सुविधाओं से लैस इस सुरंग में सीसीटीवी कैमरों और उनकी निगरानी के लिए अलग से वॉर रूम भी बनाया जाएगा। जिससे इस पूरी सुरंग पर भी नजर रखी जा सकेगी।
सुरंग को सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य
द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम सीमा में पड़ने वाले हिस्से का उद्घाटन हुए करीब साढ़े चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज भी दिल्ली के हिस्से में बन रही सुरंग का 80 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। इस सुरंग को सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर 2024 से पहले दिल्ली वाले हिस्से को पूरा करना मुश्किल है। हालांकि, पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 11 मार्च 2024 को इस एक्सप्रेसवे के एक हिस्से का उद्घाटन किया था।
8 लेन की सुरंग
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कांग्रेस सरकार के दौरान 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन एक्सप्रेसवे के कारण भूमि अधिग्रहण की समस्या और कानूनी विवाद जैसी चुनौतियों के कारण करीब 10 साल तक काम लंबित रहा। लेकिन 2016 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के हस्तक्षेप की जरूरत थी। केंद्र सरकार ने ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए कई बड़े काम भी शुरू किए, जिनमें से द्वारका एक्सप्रेसवे सबसे बड़ा प्रोजेक्ट रहा। इस एक्सप्रेसवे पर बनने वाली 8 लेन की सुरंग सबसे ज्यादा चर्चा में है।
पानीपत, सोनीपत या सिंधु बॉर्डर से आने वाले लोग को फायदा
द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पानीपत, सोनीपत या सिंधु बॉर्डर से आने वाले लोग सीधे सिंधु बॉर्डर के पास से दाईं ओर मुड़ सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे पर चढ़कर 20 मिनट में दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर रिंग रोड से ट्रैफिक का दबाव 50 फीसदी कम हो जाएगा। द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली वाले हिस्से में बन रही सुरंग का निर्माण अभी भी अधूरा है। करीब 10 किलोमीटर सुरंग और अन्य निर्माण का 20 फीसदी हिस्सा अधूरा है, जिसे दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।