ग्रेटर नोएडा में लगेगा 45 एमएलडी कैपेसिटी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, 15 महीनों में होगा निर्माण

Greater Noida News : यूपी के सीएम योगी द्वारा ग्रेटर नोएडा को विकसित शहर की तरफ बढ़ने के लिए दो मुख्य योजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत सीवरजे ट्रीटमेंट प्लांट को स्थापित करने और उसको शुरू करने का कार्य प्रारंभ हो गया है।
 

Uttar Pradesh : यूपी को बेहतर प्रदेश बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा लगातार नई-नई परियोजनाएं लाई जा रही है। इस बीच यूपी के सीएम योगी द्वारा ग्रेटर नोएडा को विकसित शहर की तरफ बढ़ने के लिए दो मुख्य योजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है। जिसके अंतर्गत सीवरजे ट्रीटमेंट प्लांट को स्थापित करने और उसको शुरू करने का कार्य प्रारंभ हो गया है। इसके अलावा गंगा जल प्रोजेक्ट से संबंधित सभी परियोजनाओं को तेजी प्रदान करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है।

सीएम योगी के मिशन के अंतर्गत, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-1 में ' सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर टेक्नोलॉजी' के आधार पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को लगाया जाएगा। इस परियोजना पर 79.57 करोड रुपए की लागत से 45 एमएलडी की क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर रिक्लेमेशन फैसिलिटी को लगाने का कार्यप्रारंभ कर दिया गया है। इसी के साथ इस कार्य को आगे बढ़ते हुए एजेंसी को चयनित करने और कार्य को बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

इस योजना का कार्य होगा, जल्द पूरा

इस दौरान गंगा जल प्रोजेक्ट के अनुसार 3 जोनल रिजर्वायर में इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल और अन्य सिविल के काम को बहुत ही जल्द पूरा करने के लिए एजेंसी को चुना और कार्य को बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिसके लिए इस काम में कुल खर्च 11.44 करोड़ रुपए अनुमानित बताया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की तरफ से इन दोनों कार्यों को बहुत जल्द पूरा करने के लिए तेजी से कार्य को निपटाया जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा को पूर्ण विकसित करने के लिए सीएम योगी द्वारा तैयार की गई विस्तृत कार्य योजना के अंतर्गत, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 79.57 करोड़ रुपए के खर्चे से सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर (इसबीआर) टेक्नोलॉजी से संबंधित शिवराज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। यह प्लांट 45 एमएलडी कैपेसिटी वाला होना है, जिसे एजेंसी का चयन और कार्य को बांटने के पश्चात 15 महीना के अंदर पूरा किया जाना है।

इसमें प्रदूषण के लेवल को देखा जाएगा

इस योजना को पूरा करने के लिए 120 महीनों की समय सीमा रखी गई है। इस दौरान इसको बनाने से पहले एजेंसी के द्वारा साइट एनवायरमेंट प्लान (एसईपी) को तैयार किया जाना है। इस कार्य को पूरा करने के लिए सभी मानकों का ध्यान रखा जानना है, जिसके अनुसार वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के लेवल को भी देखा जाएगा।

सौर ऊर्जा के आधार पर होगा, प्लांट विकसित

इस प्लांट के अंदर वाटर रिक्लेमेशन फैसिलिटी भी मौजूद होगी। जिसको चलाने के लिए 3 महीने के ट्रायल पीरियड पर सेट किया जाएगा, इस कार्य को पूरा करने के लिए सभी मानकों को ध्यान में रखा जाएगा। इसके लिए डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड का समय 12 महीने के लिए निर्धारित किया गया है। इसके अलावा प्लांट का डिस्पोजल चैनल हिडन नदी के किनारे पर बनाया जाएगा। इन सभी कार्यों को ध्यान में रखते हुए प्लांट को सौर ऊर्जा के आधार पर तैयार किया जाएगा और हाइड्रोलिक पंपों को चलाने की प्रक्रिया भी सौर ऊर्जा के द्वारा ही की जाएगी।

12 महीने के अंदर पूरा किया जाएगा, कार्य

ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक विकास प्राधिकरण के द्वारा तैयार की गई इस योजना के अंतर्गत इस प्रोजेक्ट के कार्यों को बांटने के बाद 12 महीने के अंदर पूरा किया जाएगा। इस योजना 85 क्यूसेक कैपेसिटी वाले इस प्रोजेक्ट में तीन जर्नल रिजर्वायर में इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंस्ट्रूमेंट और अन्य सिविल के कार्य को बहुत ही जल्द पूरा करने का निर्णय लिया गया हैं।