सरकार किसानों को देने जा रही यह सात परियोजनाएं, आय होगी दोगुनी

भारत की केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए एक से बढ़कर एक परियोजना चलाई जा रही है,   सरकार किसानों के लिए इन परियोजनाओं को चला कर रही किसानों की आय दोगुना,
 

Kissan smachar : भारत की केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए एक से बढ़कर एक परियोजना चलाई जा रही है, सरकार किसानों के लिए इन परियोजनाओं को चला कर रही किसानों की आय दोगुना, लोकसभा चुनाव आचार संहिता हटते ही भारत सरकार लाने जा रही किसानों के लिए यह 7  परियोजनाएं, जानिए विस्तार से। 

प्रति बूंद अधिक फसल रणनीति

इस रणनीति के तहत सूक्ष्म सिंचाई पर जोर दिया जा रहा है। इससे कृषि में इस्तेमाल होने वाले पानी की मात्रा कम होगी, इससे न केवल जल संरक्षण होगा बल्कि सिंचाई की लागत भी कम होगी। यह रणनीति विशेष रूप से जल की कमी वाले क्षेत्रों में लाभदायक है।

बीज 

कृषि क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है और साथ ही खेतों में उतनी ही मात्रा में उर्वरकों का इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है जितनी मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उचित है। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा और उर्वरकों पर होने वाले खर्च में भी प्रभावी रूप से कमी आएगी। मिट्टी और पानी से प्रदूषण भी कम होगा।

कृषि उपज को नष्ट होने से बचाने के लिए गोदामों और कोल्ड स्टोरेज पर निवेश बढ़ाया जा रहा है। इससे उपज की बर्बादी रुकेगी, खाद्य सुरक्षा की स्थिति मजबूत होगी और बची हुई उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात भी किया जा सकेगा।

खाद्य

खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।

उचित मूल्य

उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार के निर्माण पर जोर दिया गया है। इससे पूरे देश में कीमतों में एकरूपता आएगी और किसानों को पर्याप्त लाभ मिल सकेगा।

फसल बीमा 

भारत में हर साल अलग-अलग क्षेत्रों में सूखा, आग, चक्रवात, भारी बारिश, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इन जोखिमों को कम करने के लिए, सस्ती कीमतों पर फसल बीमा उपलब्ध कराया गया है। हालांकि इसका वास्तविक लाभ अभी तक पर्याप्त किसानों तक नहीं पहुंचा है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए कि इसका लाभ अधिकांश लोगों तक पहुंचे।

पशुपालन 

विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषि सहायक क्षेत्रों जैसे डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि के विकास पर जोर दिया जा रहा है। चूंकि देश के अधिकांश किसान पहले से ही इन चीजों से जुड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें इसका सीधा लाभ मिल सकता है। पशुओं की जागरूकता, नस्ल सुधार जैसे कारकों पर प्रभावी ढंग से काम करने की आवश्यकता है।