दाल और प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी, जल्द करवा ले रजिस्ट्रेशन

हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक किसानों की सहकारी संस्था नेफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ जैसे एजेंसियों ने खरीफ फसलों को बोलने से पहले रजिस्ट्रेशन करने का अनुरोध किया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए इन एजेंसियों ने कहा है।
 

Onion Farmer : दालों और प्याज की खेती करने वाले किसानों को खुशखबरी मिली है। खरीफ फसलों के लिए सरकार ने एडवांस रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा प्याज, तुवर और उड़द दाल के खरीद की जाएगी। सरकारी रेट पर खरीद कर कर सरकार का मकसद है महंगाई को कम करना।

हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक किसानों की सहकारी संस्था नेफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ जैसे एजेंसियों ने खरीफ फसलों को बोलने से पहले रजिस्ट्रेशन करने का अनुरोध किया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए इन एजेंसियों ने कहा है। इन फसलों की बुवाई अगले महीने शुरू होने का अनुमान है। अधिकारियों के अनुसार एडवांस रजिस्ट्रेशन की मदद से विभाग फसल का आकलन कर सकता है और प्याज और डालो जैसी वस्तुएं स्टोरेज और डिस्पोजेबल सिस्टम जैसे लॉजिस्टिक अरेंजमेंट करने में मदद मिल सकेगी।

अगर सरकारी एजेंसी के तुलना में प्राइवेट ट्रेडर्स फसल की ज्यादा कीमत देते हैं, तो किसानों को फसल बेचने की आजादी होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आगामी खरीफ सीजन में तुवर दाल की गैर पारंपरिक राज्यों जैसे बिहार उत्तर प्रदेश और झारखंड को शामिल किया गया है। यहां एक बुनियादी ढांचा स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक नाफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ अधिकतर राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में समर्थन मूल्य पर दाल खरीदते हैं।

इन  एजेंसीयों का मकसद है कि तिलहनों और दालों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा सके और किसानों को इसका सही मूल्य मिल सके। इसके साथ-साथ उपभोक्ता की सुरक्षा के लिए कृषि बागवानी वस्तुओं की कीमतों में अस्थिरता की जांच भी करना है।

एनसीसीएफ अपने चालू वित्त वर्ष में बफर के स्टॉक को पूरा करने के लिए किसानों से 17 से ₹20 प्रति किलो की कीमत पर रबी प्याज की खरीद शुरू कर दी है। सरकार ने इस साल 0.5 मिलियन टन प्याज खरीदने का फैसला लिया था। जिसमें से नेफेड और एनसीसीएफ को प्रमुख सब्जियों में से प्रत्येक 0.25 मैट्रिक टन खरीदने का काम सौंपा गया है।