किसानों के लिए खुशखबरी, मसाले की इस फसल का बोर्ड बनाने की मिली मंजूरी, मिलेगा सीधा फायदा

Haldi farming: हल्दी उत्पादक किसानों को अच्छी खबर मिली है। हम विस्तार से बताते हैं।

 

Saral Kisan News : केंद्र सरकार ने हल्दी किसानों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है।  किसानों की बोर्डों की स्थापना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करने की मांग उठती रहती है। मसला बोर्ड फिलहाल देश में हल्दी की खेती और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने का काम करता है। इसलिए इसके अलग बोर्ड की आवश्यकता रहती है।भारत में अभी 11.53 लाख टन हल्दी उत्पादित होती है। हल्दी का विश्व उत्पादन 78% है। तेलंगाना का निजामाबाद हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक है। तेलंगाना में प्रति हेक्टेयर सबसे अधिक उत्पादन (6,973 किलो) है। 2018-19 में मसाला बोर्ड ने 1,33,600 टन हल्दी का निर्यात किया था। 1416.16 करोड़ रुपये इससे मिले। - कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर के कारण हल्दी का निर्यात बढ़ा।

अभी सरकार मदद करती है इस तरह-
केंद्र सरकार ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत निजामाबाद क्षेत्र में एक रीजनल ऑफिस एवं मसाला बोर्ड (Spices Board) विस्तार केंद्र बनाया है, जिसमें उत्पादन और एक्सपोर्ट प्रमोशन पर राज्य सरकार के साथ समन्वय होता है।

तेलंगाना के वारंगल, हैदराबाद, निजामाबाद और खम्मम में बोर्ड के कार्यालय हैं, जो हल्दी सहित मसालों के निर्यात को बढ़ावा देते हैं।

टर्मरिक बोर्ड की स्थापना से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। MSP मिलेगा तो किसानों को लाभ होगा।

बोर्ड न बनने से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हो रहा है। Jun 2018 में राज्यपालों की हाई पावर कमेटी ने हल्दी को MP में लाने का सुझाव दिया था, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाना था और इसकी आर्थिक स्थिति को सुधारना था। लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है।