Noida के 75 हजार फ्लैट खरीदारों को गुड न्यूज, नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक में लिए बड़े फैसले

Home Buyers: ग्रेटर नोएडा के 75 हजार फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण बोर्ड बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है... तो चलिए आइए नीचे खबर में नजर डालते है इन फैसलों पर। 

 

Saral Kisan : ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के 117 प्रोजेक्ट में करीब 75 हजार फ्लैट खरीदारों को आशियाना दिलाने के मकसद से प्राधिकरण बोर्ड ने बहुत अहम फैसला लिया है. औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित 133वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति (Amitabh Kant Committee) की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है.

इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जीरो पीरियड का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मोर्गेज परमिशन, प्रचलित एफएआर (FAR) को खरीदने, प्रोजेक्ट पूरी करने के लिए समय में बढ़ोतरी का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों (Home Buyers) को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे. हालांकि शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा. 

इस बोर्ड बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार व नोएडा के सीईओ डॉ एम लोकेष समेत तीनों प्राधिकरणों व बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. दरअसल, नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए गए
 

अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए कई राहत का ऐलान-

फ्लैट खरीदारों को घर दिलाने के मकसद से प्राधिकरण चेयरमैन व बोर्ड के अन्य सभी सदस्यों ने इसे अंगीकृत करने पर तत्काल सहमति दे दी. अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिहाज से कई राहत का ऐलान किया गया है. कोरोना महामारी के तहत बिल्डरों को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक जीरो पीरियड का लाभ दिया जाएगा. ओखला बर्ड सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में एनजीटी (NGT) के आदेशों के क्रम में 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा. यह केस टू केस पर लागू होगा. जीरो पीरियड का लाभ लेने के बाद बकाया धनराशि का 25% 60 दिनों के भीतर जमा करना होगा. बाकी 75% पैसा साधारण ब्याज के साथ तीन साल में जमा करना होगा. अब को-डेवलपर को परियोजना पूरी करने की अनुमति मिल सकेगी.

प्राधिकरण की बकाया धनराशि देने की जिम्मेदारी दोनों की होगी. प्रोजेक्ट की अनुपयुक्त भूमि को आंशिक सरेंडर करने की अनुमति होगी. प्राधिकरण सरेंडर की गई भूमि के लिए पहले से भुगतान की गई राशि को बिल्डर के बकाए के साथ समायोजित करेंगे. प्राधिकरण का बकाया पैसा न देने पर आंशिक भाग का आवंटन रद्द कर सकेगा. बकाया राशि का सत्यापन एक इंडिपेंडेंट सीए करेगा. 

इस पॉलिसी से लाभान्वित प्रोजेक्ट्स के बायर्स से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. सभी नियमों को पूरा करने के बाद प्रचलित दर पर अतिरिक्त एफएआर दिया जा सकेगा. प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए समय विस्तार शुल्क के बिना अधिकतम 3 वर्ष मिलेगा. कुल ड्यूज के सापेक्ष 25 धनराशि जमा करने पर पीटीएम की अनुमति दी जाएगी. बकाया भुगतान अधिकतम तीन साल में जमा करना होगा. 100 करोड़ रुपये तक के बकाये की राशि एक वर्ष के अंदर जमा की जाएगी. 500 करोड़ रुपये तक की राशि दो वर्षों में और इससे अधिक धनराशि तीन वर्ष में अदा करनी होगी. ड्यूज का 25% धनराशि जमा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा.

घर खरीदारों को मिलेगा मालिकाना हक-

औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी. सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी. फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी. इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा. प्राधिकरणों के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर समिति की सिफारिशें लागू होंगी. ग्रुप हाउसिंग में अगर कमर्शियल हिस्सा है तो उसमें भी लागू होगा. टाउनशिप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में रहेंगे.

ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट अगर एनसीएलटी अथवा कोर्ट में हैं तो वह इस पैकेज का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वह अपना केस वापस लेंगे, लेकिन स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, रिक्रिएशन एंटरटेनमेंट पार्क योजना में शामिल ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों पर ये सिफारिशें लागू नहीं होंगी. इसके अलावा कमर्शियल, इंस्टीट्यूशनल और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में ये सिफारिशें मान्य नहीं होंगी. बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ मेधा रूपम, अमनदीप डुली, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, अन्नपूर्णा गर्ग, आशुतोष द्विवेदी, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, यीडा की एसीईओ श्रुति समेत सभी वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे.

20 हजार वर्ग मीटर तक के इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के रेट बढ़ाने पर सहमति-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने 20 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों की दरों में औसतन 12% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. 1000 वर्ग मीटर तक के सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 29,238 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने पर सहमति बन गई है. इसी तरह 1001 वर्ग मीटर से लेकर 20,000 वर्ग मीटर तक सभी श्रेणी के भूखंडों की कीमत 23,975 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है. बाकी आकार वाले भूखंडों की श्रेणी और कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट विजिटर्स पार्किंग अनिवार्य-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों में विजिटर्स पार्किंग 5% अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एकल भवनों में भी सिंगल पार्किंग जरूरी है. इससे सोसाइटियों में विजिटर्स की पार्किंग को लेकर होने वाले विवाद हल हो जाएंगे. यह व्यवस्था नए और पुराने, सभी प्रोजेक्टों पर लागू होंगे. इस प्रावधान पर जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव मांगे जाएंगे। उसके बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

औद्योगिक, आईटी व संस्थागत इकाइयों को बोर्ड से राहत-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने निवेश व रोजगार को ध्यान में रखते हुए अब तक कंप्लीशन व फंक्शनल सर्टिफिकेट न ले पाने वाली औद्योगिक, आईटी व आईटीईएस को बडी राहत दे दी है. इन इकाइयों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट व फंक्शनल सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है. इसका लाभ लेने के लिए इन इकाइयों को निर्धारित शुल्क देना होगा. बोर्ड ने संस्थागत इकाइयों को भी बड़ी राहत दे दी है. अब तक रजिस्ट्रेशन न करा पाने वाली इकाइयों को सशुल्क 31 दिसंबर 2024 तक का समय दे दिया है. इसी तरह मानचित्र स्वीकृति व कंप्लीशन के लिए सशुल्क 31 दिसंबर 2025 तक का समय दिया गया है.

बकाया वाटर बिल पर ओटीएस योजना-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने पानी के बकायेदारों को भी बड़ी राहत दे दी है. बोर्ड ने 31 मार्च 2024 तक की लंबित देय जल मूल्य धनराशि पर कार्यालय आदेश जारी होने की तिथि से 31 जनवरी 2024 तक डिफॉल्ट धनराशि जमा करने पर कुल ब्याज में 40% छूट मिलेगी. इसी तरह 01 फरवरी से 29 फरवरी तक जमा करने पर 30% और एक मार्च से 31 मार्च 2024 तक जमा करने पर 20% की छूट मिलेगी. प्राधिकरण का पानी के बकायेदारों पर करीब 34 करोड़ रुपये बकाया है.

सभी सेक्टरों में गंगाजल पहुंचाने के निर्देश-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने गंगाजल परियोजना की भी समीक्षा की. चेयरमैन ने इस परियोजना पर तेजी से काम करते हुए सभी सेक्टरों तक शीघ्र गंगाजल पहुंचाने के निर्देश दिए। अब तक करीब 40 सेक्टरों में गंगाजल पहुंच चुका है.

आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों को राहत-

सेक्टर जीटा टू में आरपीएस 02 आवसीय योजना 2010 के 231 आवंटियों की तरफ से जमा धनराशि को वापस किए जाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. लंबे समय से इंतजार कर रहे इस योजना के आवंटियों को बड़ी राहत मिल जाएगी.

आवासीय संपत्तियों के कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों मे ढील-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने एकल आवासीय भवनों के लिए कंपनशनेट ग्राउंड पर कार्यपूर्ति प्रमाणपत्रों के नियमों में राहत देने का फैसला लिया है. मूल आवंटी की मृत्यु होने पर उनके वारिसानों ने कार्यपूर्ति की प्रक्रिया को पूरी नहीं की. इसी तरह मूल आवंटी की तरफ से कार्यपूर्ति के लिए आवेदन करने के बाद गंभीर बीमारी होने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. सेना या फिर अर्द्धसैनिक बलों के कार्यरत अधिकारी या कर्मचारी संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी के चलते कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं ले सके. ऐसे सभी प्रकरणों में आवेदकों से आवेदन की तिथि के बाद समय विस्तरण सर्टिफिकेट नहीं लिया जाएगा.

तीनों प्राधिकरणों की एसओपी जल्द-

नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की एसओपी जल्द बनाने की योजना है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने मैसर्स सार्क एसोसिएट्स को तीनों प्राधिकरणों की नीतियों, नियम और विनिमय में समरूपता लाने की जिम्मेदारी दी है. इससे आवंटियों को बहुत सुविधा हो जाएगी.

प्राधिकरण व CRRI के बीच MoU जल्द-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (CRRI) व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बीच एमओयू करने के लिए सहमति दे दी है. सीआरआरआई ग्रेटर नोएडा में आधुनिक तकनीक के जरिए सड़कों के निर्माण में और पारदर्शिता तथा गुणवत्ता बढ़ाने, वेस्ट मैटेरियल से बनी टाइल्स का फुटपाथ बनवाने, सड़कों का थर्ड पार्टी के रूप में असिस्मेंट करने, ट्रैफिक की प्लानिंग आदि में प्राधिकरण का सहयोग करेगा.

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जनता को दी सौगात, रोडवेज बसों में इन लोगों का नहीं लगेगा किराया