Goldmines in India : भारत में इन जगहों पर है जमीन के नीचे दबे हैं सोने के भंडार
Saral Kisan, New Delhi : पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र (Sonbhadra) में सोने (Gold) की खदान मिलने को लेकर खूब चर्चा हो रही है, लेकिन देश में ऐसे और भी कई सोनभद्र हैं, जहां पर सोने की खदान मिलने की अपार संभावनाएं हैं. सोनभद्र में सोने की खदान मिलने की पुष्टि साल 2012 में ही हो गई थी. लगभग 8 साल बाद अब योगी सरकार (Yogi Government) ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.
सोनभद्र में सोना मिलने की चर्चा के बाद लोगों में उत्सुकता जगने लगी है कि भारत में और किन-किन राज्यों में और कहां-कहां सोने की खदान मिलने की संभवना है. झारखंड में भी एक स्वर्णरेखा नाम की नदी बहती है, जिसके बारे में लोग कहते हैं कि यह नदी सोना उगलती है. हालांकि, इसके बारे में अभी भी रहस्य बना हुआ है. वहीं मध्य प्रदेश के कटनी और सिंगरौली में भी सोने की खदान मिलने की पुष्टि हुई थी. राजस्थान में भी सोने की खदान मिलने की बात सामने आई.
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सोने की खोज करती है-
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा देश के कई हिस्सों में सोने की खोज पिछले कई वर्षों से की जा रही है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को जब प्रमाण मिलता है तो वह राज्य सरकार को इसकी रिपोर्ट देती है. इसी रिपोर्ट के आधार पर खदान की नीलामी और खनन का काम किया जाता है. मध्यप्रदेश की इमलिया क्षेत्र में सोना खोजने का काम करीब 17 वर्ष पहले शुरू किया गया था. यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने खनिज पदार्थ होने की संभावना पर काम शुरू किया था.
सोनभद्र में सोने का 3 हजार टन से ज्यादा भंडार मिलने का दावा-
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोने का 3 हजार टन से ज्यादा का भंडार होने का दावा पहले किया था. विभाग ने अभी पिछले साल ही मध्य प्रदेश में कटनी और सिंगरौली में दो सौ करोड़ सोने और चांदी के भंडार मिलने का दावा किया था. खबर अब यह भी निकल कर आ रही है कि मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए नियम-कानून भी बना लिए हैं. मुबई की एक कंपनी ने इसके लिए रुचि भी दिखाई है. कटनी जिले के इमलिया क्षेत्र में 6 हेक्टेयर और सिंगरौली जिले के चकरिया में 23 हेक्टेयर जमीन पर सोना, चांदी सहित अन्य धातु को चिन्हित किया गया है.
राजस्थान में भी 11.48 करोड़ टन सोना हो सकता है-
इसी तरह साल 2018 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने राजस्थान के उदयपुर में भी सोने के बहुत बड़े भंडार का पता लगाया था. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग ने उस समय कहा था कि इस जगह पर 11.48 करोड़ टन सोना हो सकता है. विभाग ने उस समय कहा था कि राजस्थान में सोने के भंडार होने की संभावनाएं यदि सच साबित होती हैं तो राजस्थान देश का पांचवां सोना उत्खनन करने वाला राज्य बन जाएगा.
झारखंड में स्वर्णरेखा नदी बहती है-
झारखंड में रत्नगर्भा नाम की जगह है, जहां स्वर्णरेखा नदी बहती है. इस नदी की रेत से अब भी सालों से सोना निकाला जा रहा है. नदियों के आसपास रहने वाले आदिवासी लोग इसी नदी के भरोसे ही अपनी आजीविका चला रहे हैं. ये नदी आज भी एक रहस्य है, क्योंकि यह कोई नहीं जानता कि आखिर ये सोना कहां से आता है.
झारखंड में ही पिछले साल धरती के नीचे स्वर्ण अयस्क के सात नए भंडार मिले थे. सिंहभूम इलाके के जोजोडीह, ओटिया, टैबो भेंगम फुलझड़ी, मोर्चागोरा, लुकापानी और ईचागढ़ के पास सोने के भंडार मिलने के संकेत मिले थे. जीएसआई ने इसकी पुष्टि भी की थी. भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की ओर से सोने के 7 नए भंडार का पता लगाने के बाद राज्य में सोने के ज्ञात भंडारों की संख्या कुल 17 हो गई.
देश का करीब 88.7 फीसदी सोना निकालता है कर्नाटक-
देश में मौजूदा समय में भारत के पास करीब 626 टन सोने का भंडार है. इस लिहाज से दावा किया जा रहा है कि सोनभद्र में मिला सोने का भंडार करीब 5 गुना ज्यादा हो सकता है. बता दें कि इस समय कर्नाटक में देश की सबसे ज्यादा सोने की खान हैं. कर्नाटक भारत में सबसे ज्यादा देश का करीब 88.7 फीसदी सोना निकालता है. यहां कोलार, धारवाड़, और रायचूर जिलों से सोना निकाला जाता है. माना जाता है कि कर्नाटक में करीब 17 लाख टन सोने के अयस्क का भंडार है. इसमें ज्यादातर खदान हसन, धारवाड़, रायचूर और कोलार जिलों में स्थित हैं. इसके बाद आंध्रप्रदेश, झारखंड, केरल और मध्य प्रदेश में सोने और हीरे की खान हैं.
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