Goat Farming: अगर है हरे चारे की कमी, तो इस तरह भरें बकरियों का पेट

गाय-भैंस और भेड़-बकरियों को 12 महीने तक हरा चारा मिलना मुश्किल होता है। बारिश के माह में भरपूर हरा चारा होने पर उसे अधिक खिला नहीं सकते। क्योंकि उस चारे में बहुत अधिक पानी है।

 

Saral Kisan - गाय-भैंस और भेड़-बकरियों को 12 महीने तक हरा चारा मिलना मुश्किल होता है। बारिश के माह में भरपूर हरा चारा होने पर उसे अधिक खिला नहीं सकते। क्योंकि उस चारे में बहुत अधिक पानी है। डायरिया बकरी को होने लगता है अगर वे इस चारे को ज्यादा खाते हैं। लेकिन साइलेज और हे ऐसी समस्याओं से बचने के लिए बनाए जाते हैं। लेकिन बकरियों की एक विशेषता है कि वे डाल से पत्ती तोड़कर खाना पसंद करते हैं। 

यही कारण है कि मथुरा के वैज्ञानिकों ने हरे चारे की कमी के दौरान कुछ खास पेड़ों की पत्तियां खिलाने की सलाह दी है। पेड़ों की पत्तिेयां बकरियों को हरे चारे की कमी को पूरा करती हैं और उनसे पोषक तत्व भी मिलते हैं।

सर्दियों में बकरियां बहुत पसंद हैं 

सीआईआरजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने किसानों को बताया कि बकरी जमीन पर पड़े चारे के बजाय डाल से तोड़कर खाना खाती है। इससे भी बकरी खुश होती है। हम नीम, गूलर, अरडू और अन्य पेड़ों की पत्तियां खिला सकते हैं अगर मैदान में हरा चारा नहीं है। जब बात स्वाद और पसंद की है, तो बकरियां खाना बहुत पसंद करती हैं। नीम की पत्तियां सर्दियों में खाना बहुत अच्छा लगता है। 

और एक खास बात यह है कि पेड़ों की पत्तियां बकरियों के लिए दवा और चारा भी हैं। नीम खाने से पेट में कीड़े नहीं आते हैं, जैसे दूसरा, बरसात में हरे चारे में बहुत पानी होता है। इससे डायरिया का डर रहता है। डायरिया की संभावना कम होती है, लेकिन पेड़ों में पानी कम होता है।

नीम, मोरिंगा और अमरुद से पेट के कीड़े दूर होंगे 

सीआईआरजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक नीतिका शर्मा ने किसानों को बताया कि मोरिंगा, अमरुद और नीम में प्रोटीन और टेनिन कांटेंट की भरपूर मात्रा होती है। बकरियों को वक्त पर तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां खिलाने से कीड़े नहीं होंगे। पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों को बहुत परेशान करता है। पेट में कीड़े होने पर बकरे और बकरी चलते हुए ग्रोथ नहीं कर सकते। पशुपालक बकरे और बकरियों को जितना भी भोजन देगा, वे उतना ही मजबूत नहीं होंगे। स्टाल फीडिंग और बकरियों को फार्म में पालने वाले लोगों को इस बात का खास ख्याल रखना होगा।  

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