GK : प्रेमियों को क्यों दिया गया 'दो हंसों का जोड़ा'का दर्जा, हैं बड़ी दिलचस्प कहानी

हंस का हिंदू धर्म में बड़ा खास महत्व भी है. यह ज्ञान की देवी मां सरस्वती का वाहन भी है. इसलिए यह हिंदुओं के लिए बेहद खास है.  इनके उजले रंग को भी पवित्रता और निश्छलता का प्रतीक माना गया है.

 

Why lovers Called Pairs Swans: आपने शायद फिल्मों, कहानियों और आम जीवन में प्रेमियों के लिए एक दिलचस्प वाक्य, "हंसों का जोड़ा" सुना होगा। प्रेमियों और विवाहित जोड़ों को अक्सर कहा जाता है कि वे जैसे 'हंसों का जोड़ा' हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? आज हम इस लेख में आपको इसके बारे में दिलचस्प जानकारी देंगे। 

माना गया पवित्र - 

हंस का हिंदू धर्म में बड़ा खास महत्व भी है. यह ज्ञान की देवी मां सरस्वती का वाहन भी है. इसलिए यह हिंदुओं के लिए बेहद खास है.  इनके उजले रंग को भी पवित्रता और निश्छलता का प्रतीक माना गया है.

प्रेम का प्रतीक - 

सामान्य परिस्थितियों में इनमें अलगाव की संभावना सिर्फ 6 % होती है. इनके आपसी प्रेम और लगाव की ही वजह से जिन लोगों के बीच बहुत गहरा प्रेम होता है लोग अक्सर उन्हें हंसों का जोड़ा कहते हैं.हंसों के जोड़े को प्रेम का प्रतीक माना जाता है. हंसों के जोड़े के बीच इतना गहरा प्रेम होता है कि वे आजीवन एक-दूसरे के साथ रहते हैं.  

कुछ अन्य खास जानकारी  -

अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम को इसके एक उदाहरण के तौर पर देख सकते हैं. आप की जानकारी के लिए बता दे की हंस सिर्फ सफेद रंग के ही नहीं होते हैं. ऑस्ट्रेलिया में काले रंग के हंस भी देखने को मिले हैं. कहा यह भी जाता है कि हंस बेहद ज्यादा वफादार भी होता है.  ये स्वभाव से बहुत भावुक भी होते हैं. इनकी याददाश्त के बारे में कहा जात है कि ये कि किसी भी चीज को सालों तक नहीं भूलते. ये अपने साथियों और समूह का बहुत ध्यान रखते हैं और अक्सर उड़ते हुए समूह में जाते हैं. जब ये समूह में उड़ते हैं तो वी आकार की शेप बनाकर उड़ते हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों में हंस पाए जाते हैं और इनकी कई प्रजातियां होती हैं.

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