रेगिस्तान में उगा डाला बाग, अब किसान कर रहा हैं लाखों की बंपर कमाई

राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के मन में रेगिस्तान की कल्पना आती है। राजस्थान में केवल बालू होने के कारण लोगों को लगता है कि वहां के किसान उत्तर प्रदेश और बिहार की तरह बागवानी नहीं करेंगे।
 

Saral Kisan - राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के मन में रेगिस्तान की कल्पना आती है। राजस्थान में केवल बालू होने के कारण लोगों को लगता है कि वहां के किसान उत्तर प्रदेश और बिहार की तरह बागवानी नहीं करेंगे। लेकिन यह नहीं है। राजस्थान में अब आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके केला, सेब, संतरा, आंवला और खजूर की खेती की जा रही है। इससे किसानों की आय कई गुना बढ़ी है। विशेष बात यह है कि राजस्थान में अब किसान ताइवानी पिंक अमरूद की खेती कर रहे हैं, जिसकी मांग राज्य और बाहर भी है। इसलिए आज हम एक ऐसे किसान की चर्चा करेंगे, जिन्होंने रेगिस्तान में ताइवानी पिंक अमरूद उगा कर सबको चौंका दिया है.

दरअसल, हम किसान लिखमाराम मेघवाल की बात कर रहे हैं। श्रमशील किसान लिखमाराम मेघवाल ने बंजर जमीन पर सुंदर ताइवानी पिंक अमरूद का बाग लगाया है। इससे उन्हें हर साल अच्छी कमाई होती है। ऐसे कृषक लिखमाराम मेघवाल नागौर जिले के खींवसर में रहते हैं। उनका गांव रेतीली मिट्टी से बना है। पानी भी नहीं है। तब भी उन्होंने रेतीली मिट्टी पर अमरूद की खेती शुरू की। लिखमाराम ने बताया कि उन्होंने 2020 में ताइवानी पिंक अमरूद उगाया था। शुरू में उन्होंने ताइवानी अमरूद के पौधे लखनऊ से लाए। एक पौधा 140 रुपये का था।

150 पौधों से अमरूद बनाया जाता है

किसान लिखमाराम कहते हैं कि वे खेत में सिर्फ जैविक खाद का उपयोग करते हैं। साथ ही बाग में वर्मी कंपोस्ट लगाते रहते हैं। इससे पौधों का साथ ग्रोथ तेज होता है। बाग में पौधों के बीच पांच फुट बाइ छह फुट की दूरी बनाई गई है, ताकि पौधों को पर्याप्त धूप, हवा और पानी मिलता रहे। 2020 में लिखमाराम ने बाग में 200 ताइवानी अमरूद के पौधे लगाए थे। लेकिन पौधे 50 के करीब सूख गए। लेकिन अमरूद 150 पौधों से उत्पादित होता है।

ताइवानी पिंक अमरूद उत्पादन में वृद्धि होगी

पिछले साल किसान लिखमाराम ने हर पौधा से तीन किलो अमरूद निकाला था। लेकिन इस साल प्रत्येक पौधा 10 किलो ताइवानी पिंक अमरूद देता है। उन्होंने इस साल करीब 1500 किलो अमरूद बेचकर अच्छी कमाई की। किसान लिखमाराम मेघवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के दौरान लॉकडाउन के दौरान वे अपना समय यूट्यूब पर बिताते थे। यहीं पर उन्हें ताइवानी अमरूद का उत्पादन करने का पता चला। तब उन्होंने खेती शुरू की। उनका अनुमान है कि आने वाले वर्षों में ताइवानी पिंक अमरूद का उत्पादन और अधिक होगा, जिससे अच्छी आय मिलेगी।

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