मचान विधि से बारिश के मौसम में किसान उगा रहा ये सब्जी, किट-रोग नहीं भटक रहे आसपास

Vegetable Cultivation In Rae Bareli : किसान सब्जी की खेती कर अच्छी सफलता हासिल कर रहे हैं। सब्जी एक ऐसी खेती है जो कम लागत और थोड़े समय में पक कर तैयार हो जाती है। सब्जी की खेती अनेक प्रकार की तकनीक द्वारा की जाती है। मचान विधि से सब्जी की खेती करने पर यह फसल को बरसात के मौसम में रोग तथा फल को गलने से बचाती है।

 

Rae Bareli News : रायबरेली के किसान आनंद कुमार ने मचान विधि से लौकी की खेती करके सफलता प्राप्त की है। उन्होंने लगभग 5 सालों से मौसमी सब्जियों की खेती शुरू की और बरसात के दिनों में भी मचान विधि से लौकी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया है। 

इस विधि में खेत की जुताई करके नालियां बनाई जाती हैं और फिर बांस की लकड़ियां जमीन में गढ्ढा बनाकर गाड़ दी जाती हैं। इसके बाद बीज बुआई किया जाता है और जब पौधा बड़ा होने लगता है तो रस्सी के सहारे पौधे को बांध दिया जाता है। इस विधि से किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और बारिश के मौसम में जलजमाव की समस्या से बचा जा सकता है। 

मचान विधि लौकी की खेती के लिए एक उपयुक्त और लाभकारी तरीका है, खासकर बारिश के मौसम में। इस विधि में लौकी की नर्सरी 30 से 40 दिनों में तैयार हो जाती है और बेलदार पौधे को मचान के ढांचे पर फैलाया जाता है, जिससे लौकी जमीन को नहीं छूती और खरपतवार, कीट एवं रोग लगने का खतरा कम रहता है। साथ ही, बेल के लटकने से लौकी की लंबाई में वृद्धि होती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।

मचान विधि के फायदे

जलजमाव से बचाव
खरपतवार, कीट एवं रोग से बचाव
लौकी की लंबाई में वृद्धि
कम समय में नर्सरी तैयार होना
अच्छा मुनाफा होने की संभावना

प्रगतिशील किसान आनंद कुमार ने लौकी की खेती के साथ-साथ हरी मिर्च की खेती भी शुरू की है, जो एक अच्छा निर्णय है। उन्होंने मिर्च की खेती के लिए पंक्तिवार विधि को चुना है, जो बारिश के मौसम में जलजमाव से होने वाले नुकसान से बचाव करती है और फसल को सुरक्षित रखती है।

पंक्तिवार विधि के फायदे

जलजमाव से बचाव
फसल की सुरक्षा
मिर्च की पैदावार में वृद्धि
खेत का सही उपयोग
कम समय में फसल तैयार होना

किसान आनंद कुमार की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे कोई व्यक्ति अपने जुनून और मेहनत से अपने जीवन को बदल सकता है। उन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया और अपनी पुश्तैनी जमीन पर बागवानी की खेती शुरू की, जो उनके लिए एक सफल निर्णय साबित हुआ। आज, वह सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुरक्षित बना रहे हैं।