सही समय पर भिंडी की खेती करके किसान कमा रहे मोटा मुनाफा

कृषि क्षेत्र में तकनीक लगातार समावेशित हो रही है। इससे खेती की प्रक्रिया भी निरंतर बदल रही है। अब किसान नगदी फसल की खेती तकनीक से कर रहे हैं। जिससे किसानों को भी लाभ मिलता है।

 

Saral Kisan : कृषि क्षेत्र में तकनीक लगातार समावेशित हो रही है। इससे खेती की प्रक्रिया भी निरंतर बदल रही है। अब किसान नगदी फसल की खेती तकनीक से कर रहे हैं। जिससे किसानों को भी लाभ मिलता है। तकनीक के उपयोग से किसान अब बिहार में पारंपरिक खेती के साथ-साथ कई नई फसलों को उगाने में कामयाब हो रहे हैं। इसी कड़ी में, छपरा के किसानों ने पारंपरिक खेती की जगह सब्जी की खेती शुरू कर दी है।

वैसे भी, भिंडी बहुत लोकप्रिय है और इसे बड़े पैमाने पर खेती करने लगे हैं। जय लाल महतो, छपरा के रिविलगंज प्रखंड के मुखड़ेरा गांव में 12 कट्ठे में उन्नत वैरायटी की भिंडी खेती कर रहे हैं। इसमें बेहतर फलन हो रहा है और रोजाना कमाई हो रही है।

12 कट्ठे में भिंडी की खेती

जय लाल महतो, किसान, पिछले 30 सालों से खेती कर रहे हैं। कुछ दिनों तक पारंपरिक खेती की, लेकिन अधिक मुनाफा नहीं हो पाया। इसलिए सब्जी उत्पादन शुरू किया। 12 कट्ठे में अभी भिंडी की खेती की जा रही है। इस भिंडी की खेती भी परिवार का भरण-पोषण करती है। सब्जी की खेती ही कमाई का मुख्य जरिया है। परमात्मा कुमार, जय लाल महतो का पुत्र, ने बताया कि इस बार राधिका और आर के वैरायटी की भिंडी लगाई गई है। पिता खेती में भी काम करते हैं और पढ़ाई करते हैं।

भिंडी से प्रतिदिन 1500 रुपये मिलते हैं

उन्नत वैरायटी की भिड़ी की खेती कर रहे हैं, किसान जय लाल महतो ने बताया। शानदार फलन भी है। खेत से हर दिन चालीस से पच्चीस किलो भिंडी निकलती है। अच्छी कीमत भी बाजार में उपलब्ध है। लोकल बाजार में भिंडी प्रति दिन लगभग 1500 रुपये में बिकती है। उनका कहना था कि वे व्यापारी को भिंडी देने की बजाए खुद बाजार ले जाकर बिक्री करते हैं। इसलिए मुनाफा बढ़ता है।

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