इतने फीसदी किसान भी नहीं करवाना चाहते फसल बीमा, कंपनियों पर ठगने का लगाया आरोप

किसानों का कहना है कि बीमा कंपनियां उनसे झूठ बोलती हैं। फसल नुकसान पर भी उन्हें क्लेम मिलने में कई समस्याएं आती हैं। बीमा कंपनियां किसानों से पूरी तरह से नहीं सुनती हैं और उनकी दी गई जानकारी को अनदेखा करती हैं।

 

Saral Kisan : कोटा में किसानों की फसल बीमा की समस्याएं गहरी होती जा रही हैं। किसानों का कहना है कि वे बीमा कंपनियों से ठगे जा रहे हैं, इसलिए वे फसल की क्षति का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। इससे बहुत से किसान फसल बीमा करवाने से बच रहे हैं। सरकार और किसान फसल बीमा पर अभी भी बहस कर रहे हैं।

किसानों का कहना है कि बीमा कंपनियां उनसे झूठ बोलती हैं। फसल नुकसान पर भी उन्हें क्लेम मिलने में कई समस्याएं आती हैं। बीमा कंपनियां किसानों से पूरी तरह से नहीं सुनती हैं और उनकी दी गई जानकारी को अनदेखा करती हैं। किसानों को उनके अधिकारों का पूरा भुगतान नहीं मिलता है।

बीमा कंपनियों को भी कई समस्याएं होती हैं। लेकिन बीमा प्रीमियम आसानी से कट जाता है, जब कोई दुर्घटना होती है, तो मदद पाने में कई समस्याएं आती हैं। किसानों की शिकायतों को बीमा कंपनियां अक्सर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे वे अपना पूरा पैसा नहीं पाते।

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 किसानों का दावा है कि बीमा कंपनियां अपने लाभ के लिए प्रीमियम राशि जमा करती हैं, लेकिन किसानों को दुर्घटना में उनकी मदद नहीं करती हैं। किसानों को इससे पूरा नुकसान नहीं मिलता है।

किसानों का कहना है कि सरकारी विभाग फसल बीमा के बारे में उदासीन हैं। किसानों को फसल का नुकसान होने पर भी अपने अधिकार की पूरी राशि मिलने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इन समस्याओं के कारण कोटा जिले में किसान फसल बीमा में कम रुचि दिखा रहे हैं। कई किसानों को फसल नुकसान की भरपाई नहीं मिल पा रही है क्योंकि वे अपनी मर्जी से बीमा करवाने से बच रहे हैं।

सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि किसानों को उनके अधिकार की पूरी भरपाई मिल सके और वे फसल बीमा करवाने में रुचि दिखा सकें।

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