Dwarka Expressway : देश के यह सबसे छोटा expressway खुलेगा जनवरी में, 10 लाख लोगों को मिलेगा इसका लाभ

नई दिल्‍ली. देश में तेजी से एक्सप्रेसवे और सड़कें बनाई जा रही हैं। अमूमन एक्सप्रेसवे का उद्देश्य दो शहरों के बीच की लंबी दूरी को कम करना है। लेकिन देश में सबसे छोटा एक्सप्रेसवे भी है। किंतु इसके बावजूद, इस एक्सप्रेसवे को बहुत अधिक आवश्यकता है।

 

Saral Kissan : हम द्वारका एक्सप्रेसवे की बात कर रहे हैं। इसका उद्देश्य दिल्ली और गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक को कम करना है। राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बेहतर पता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के दो सबसे बड़े शहरों दिल्ली और गुरुग्राम में सुबह और शाम को ट्रैफिक का कितना दबाव रहता है। इसलिए सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे बनाकर ट्रैफिक को कम करने का निर्णय लिया। दस लाख लोगों को इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से लाभ मिलेगा, इससे इसका महत्व समझ सकते हैं।

कब होगा शुरू

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिसंबर, 2023 तक यह एक्सप्रेसवे चालू हो जाएगा। वास्तव में, दोनों मार्गों पर अभी भी काम चल रहा है। निर्माण कंपनियों का कहना है कि दिल्ली का सेक्शन जनवरी 2024 तक शुरू हो जाएगा। हालाँकि, दिल्ली की ओर लगभग 3.6 किलोमीटर का हिस्सा अभी भी बनाया जा रहा है और आईजीआई एयरपोर्ट को इससे जोड़ने का काम अभी भी चल रहा है।

गुरुग्राम की तरफ बन रहे सेक्‍शन का एक हिस्सा भी अभी निर्माणाधीन है, खबर है। इस पूरे मार्ग को चार भागों में बांटा गया। दो भाग दिल्ली में और दो गुरुग्राम में बनाए जाएंगे। इसे पहले मई, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। गुरुग्राम में अभी भी कई स्थानों पर निर्माण कार्य जारी है। इसलिए न तो दिल्ली और न ही गुरुग्राम में ट्रैफिक शुरू हो सका।

कितना बड़ा बन रहा एक्‍सप्रेसवे

द्वारका एक्सप्रेसवे सिर्फ 29 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है, जबकि एक्सप्रेसवे अक्सर लंबी दूरी के शहरों के बीच बनाया जाता है। 18.9 किलोमीटर गुरुग्राम में बनाया जा रहा है, जबकि 10.1 किलोमीटर दिल्ली में बनाया जा रहा है। पुल के शुरू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का बोझ लगभग 40 प्रतिशत कम हो जाएगा। इसका अर्थ था कि इन दो शहरों के बीच आने-जाने वाले लोग सुबह और शाम के जाम से बच जाएंगे।

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