उत्तर प्रदेश में ड्रोन करेगा किसानों की मदद, इस जिले में शुरू हो गया पायलेट प्रोजेक्ट

UP - ड्रोन पेस्टिसाइड और खादों को एक विशेष रूप से फैलाता है। जिससे उपज में वृद्धि होती है। ड्रोन से एक एकड़ फसल में पांच से छह मिनट में छिड़काव हो जाता है। सबसे खास बात यह है कि ड्रोन छिड़काव से पहले जिस एरिया में छिड़काव होना है वहां की मैपिंग करता है। फिर पायलट के कंट्रोल से उसी क्षेत्र में छिड़काव करता है।

 

Saral Kisan ( नई दिल्ली ) उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पहली बार खेती में किसानों की मदद के लिए ड्रोन पहुंचा है। कई गांवों में ड्रोन से तरल यूरिया व डीएपी उर्वरकों का छिड़काव किया गया। आगामी दिनों में रबी की फसल बुआई में भी ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। ड्रोन से एक दिन में 20 से 25 एकड़ फसल का छिड़काव किया जा सकता है।

ड्रोन खेतों के ऊपर मंडराता देखकर किसानों में आश्चर्य रहा। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत किसानों को ड्रोन की सुविधा इंडियन फारमर्स फर्टिलाइर्ज कोआपरेटिव (इफको) की ओर से मुहैया कराई गई है। यह ड्रोन किसानों की एक एकड़ फसल में चार सौ रुपये में इफको तरल यूरिया का छिड़काव कर रहा है। इसमें किसानों को तीन सौ रुपये व 100 रुपये इफको को दे रहा हैं।

शुक्रवार और शनिवार को ड्रोन को इफको के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव सचिन कुमार व ड्रोन पायलट आदित्य मिश्रा ने भोजीपुरा ब्लाक के कमुआ मकरूआ और आटा मांडा क्षेत्र में प्रदर्शन किया। फरीदपुर क्षेत्र में ड्रोन का पायलट प्रदर्शन होगा। ड्रोन पायलट आदित्य मिश्रा ने बताया कि ड्रोन से एक दिन में 20 से 25 एकड़ फसल का छिड़काव किया जा सकता है।

पेस्टिसाइड और खादों का करता फैलाव

ड्रोन पेस्टिसाइड और खादों को एक विशेष रूप से फैलाता है। जिससे उपज में वृद्धि होती है। ड्रोन से एक एकड़ फसल में पांच से छह मिनट में छिड़काव हो जाता है। सबसे खास बात यह है कि ड्रोन छिड़काव से पहले जिस एरिया में छिड़काव होना है वहां की मैपिंग करता है। फिर पायलट के कंट्रोल से उसी क्षेत्र में छिड़काव करता है।

यह हैं विशेषताएं

एग्रीस्टार ड्रोन डीजीसीए से प्रमाणित है। लगातार 20 मिनट तक उड़ान की क्षमता है। 10 लीटर का टैंक है। एक बार की उड़ान में 2.5 एकड़ फसल का छिड़काव कर सकता है। रडार आधारित होने से टक्कर से बचाव की सुविधा है। एक क्लिक में ड्रोन लैंडिंग हो सकता है।

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