उत्तर प्रदेश के इस जिले में तैयार किए जाएंगे ड्रोन पायलट, ट्रेनिंग सेंटर तैयार, युवाओं को रोजगार

UP News - मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस जिले में ड्रोन पायलट तैयार किए जाएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यहां ट्रेनिंग सेंटर तैयार हो गया है... लेकिन आपको बता दें कि लाइसेंस और परमिट लेने के बाद भी ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होता है।
 

UP News : पायलट सिर्फ हवाई जहाज उड़ाने वाले नहीं, बल्कि ड्रोन उड़ाने वाले भी पायलट कहलाते हैं। ड्रोन उड़ाना अब केवल मौज-मस्ती का जरिया नहीं, इससे आप अच्छी कमाई भी कर सकते हैं। खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। खाद से लेकर कीटनाशक छिड़काव में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे में देश में प्रशिक्षित ड्रोन पायलट की मांग तेजी से बढ़ी है।

इसे देखते हुए मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में युवा कारोबारी विवि के साथ मिलकर नई मुहिम शुरू करने जा रहे हैं। एजी टेक इनोवेशन कंपनी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर ड्रोन पायलट तैयार करेगी। इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसके बाद यहां ड्रोन पायलट के साथ ही ड्रोन मैकेनिक भी तैयार किए जाएंगे।

इसलिए पायलट के साथ मैकेनिक भी तैयार करेंगे-

संकेत जिंदल ने बताया सिर्फ ड्रोन पायलट तैयार करना काफी नहीं होगा। यदि ड्रोन खराब होगा तो उसकी मरम्मत की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में इस आवश्यकता को देखते हुए ड्रोन पायलट के साथ ही ड्रोन मैकेनिक भी तैयार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। ताकि पायलट और मैकेनिक दोनों जरूरत पूरी हो सके।  

ड्रोन उड़ाने की प्रमुख शर्तें -

लाइसेंस और परमिट लेने के बाद भी ड्रोन उड़ाने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होता है। पहली शर्त यह है क‍ि क‍िसी भी प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ा सकते। ड्रोन चलाने का जो लाइसेंस म‍िलता है, उसके ल‍िए 18 से 65 साल के बीच की उम्र होनी चाह‍िए। इच्छुक व्यक्ति को नागरिक उड्डयन महानिदेशक द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुजरना होगा।

ड्रोन लाइसेंस आवेदक के पास कम से कम दसवीं या सामान्‍य स्‍तर के कोई दूसरी डिग्री होनी चाहिए। हाईटेंशन लाइन या मोबाइल टावर वाली जगहों पर ड्रोन उड़ाना है, तो अनुमति लेनी होगी। ग्रीन जोन के क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से दवाई छिड़काव नहीं कर सकेंगे। खराब मौसम या तेज हवा में ड्रोन उड़ाने पर रोक है। आबादी के आसपास खेती होने पर ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेनी जरूरी है।

ड्रोन की श्रेणी के ह‍िसाब से है शर्त -

250 ग्राम या इससे कम वजन वाले ड्रोन को नैनो ड्रोन की कैटेगरी में रखा गया है। इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस या परम‍िशन की जरूरत नहीं होती। 250 ग्राम से दो किलोग्राम वजन वाले ड्रोन माइक्रो कैटेगरी में आते हैं। दो किलोग्राम से ज्‍यादा और 25 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन स्‍मॉल ड्रोन की कैटेगरी में आते हैं।

इस तरह के ड्रोन को चलाने वाले व्‍यक्ति के पास ऑपरेटर परमिट-1 होना चाहिए। इसी तरह 25 किलोग्राम से ज्‍यादा और 150 किलोग्राम से कम वजन वाले ड्रोन मीडियम कैटेगरी में आते हैं। जबकि लार्ज कैटेगरी में आने वाले ड्रोन का वजन 150 किलोग्राम से ज्‍यादा होना चाहिए। ऐसे को उड़ाने के लिए ऑपरेटर परमिट-2 होना चाहिए। इस तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए पहले एयर ट्रैफिक और एयर डिफेंस कंट्रोल से अनुमति लेनी होती है।

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