दिल्ली में पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर नई कार के रजिस्ट्रेशन पर मिलेगी छुट

Vehicle Scrappage Policy : दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में दिल्ली में 55 लाख वाहनों का पंजीकरण समाप्त हो गया, यानी वाहनों की आयु पूरी होने के बाद परिवहन विभाग ने उन्हें डी-रजिस्टर कर दिया गया है।

 

Vehicle Scrap Policy Benefits : दिल्ली सरकार पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) में स्क्रैपिंग के लिए सौंपे गए पुराने वाहनों के लिए जारी जमा प्रमाणपत्र जमा करने पर परिवहन और गैर-परिवहन वाहनों के पंजीकरण के लिए मोटर वाहन कर में छूट प्रदान करेगी। परिवहन विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में दिल्ली में 55 लाख वाहनों का पंजीकरण समाप्त हो गया, यानी वाहनों की आयु पूरी होने के बाद परिवहन विभाग ने उन्हें डी-रजिस्टर कर दिया। 

अगर कोई इन वाहनों को स्क्रैप करता है, तो उसे नया वाहन खरीदने पर कर में छूट मिलेगी। गहलोत ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाना और नए स्वच्छ वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है। पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर मोटर वाहन कर में छूट से वाहन मालिकों को पर्यावरण अनुकूल परिवहन विकल्पों के बारे में समझाना आसान हो जाएगा।

मोटर वाहन कर 20% होगा, नए डीजल वाहनों के लिए 15% छूट होगी

एलजी से प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद नए पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी गैर परिवहन वाहनों की खरीद पर वाहनों के पंजीकरण पर देय मोटर वाहन कर में 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जबकि नए डीजल वाहनों के लिए यह छूट 15 प्रतिशत होगी। नए पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी परिवहन वाहनों पर 15 प्रतिशत तक कर छूट मिलेगी। नए डीजल परिवहन वाहनों की खरीद पर वाहनों के पंजीकरण पर देय मोटर वाहन कर में 10 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। 

मोटर वाहन कर रियायतें स्क्रैप मूल्य के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगी। दोनों मामलों में कुल मोटर वाहन कर रियायतें स्क्रैप मूल्य के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगी। जमा प्रमाणपत्र की वैधता तीन साल होगी। दिल्ली एनसीआर में डीजल वाहन 10 साल और पेट्रोल वाहन 15 साल तक चलाए जा सकेंगे। इस आयु पूरी होने से तीन महीने पहले तक वाहनों को दूसरे राज्य में भेजने के लिए परिवहन विभाग से एनओसी ली जा सकेगी। एनओसी लेने के बाद इन वाहनों को एनसीआर से बाहर दूसरे राज्यों में चलाया जा सकेगा।