चने में गिरावट, पीली मटर का आयात और मसूर का निर्यात बढ़ा

बढ़े हुए भावों पर बिकवाली धीमी पड़ने और मांग कमजोर होने से सप्ताह के पहले दिन चने के भाव में आंशिक गिरावट रही। स्थानीय व्यापारिक बाजार में चने में करीब 100 रुपए की गिरावट रही, जबकि सप्ताह के अंत तक चने के भाव 7300 रुपए के आंकड़े को छू चुके थे।
 

Saral Kisan : बढ़े हुए भावों पर बिकवाली धीमी पड़ने और मांग कमजोर होने से सप्ताह के पहले दिन चने के भाव में आंशिक गिरावट रही। स्थानीय व्यापारिक बाजार में चने में करीब 100 रुपए की गिरावट रही, जबकि सप्ताह के अंत तक चने के भाव 7300 रुपए के आंकड़े को छू चुके थे। दरअसल ऊंचे भावों पर बाजार में खरीदारी बंद होने से दाल मिलर्स की चने की मांग कम हो गई है। इस कारण ऊंचे भावों पर कीमतों को सपोर्ट नहीं मिल पाया। वहीं, भारत द्वारा चने का आयात खोलने के बाद ऑस्ट्रेलिया में चने की बुआई बढ़ सकती है।

एक संस्था के अनुसार, वहां चने की बुआई 40 फीसदी उछलकर 7.3 लाख हेक्टेयर हो सकती है। यह 10 साल की औसत बुआई से 24 फीसदी ज्यादा होगी। क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स में मौसम फसल के अनुकूल है। वहां चने का उत्पादन पिछले साल से 133 फीसदी बढ़कर 11 लाख टन बताया गया।  

इधर, देश में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए जाने के बाद कनाडा और रूस समेत कई अन्य देशों से इसके आयात में तेजी आई है। दिसंबर 2023 से मई 2024 के दौरान भारत ने कनाडा से सबसे ज्यादा 7.79 लाख टन, रूस से 5.95 लाख टन और तुर्की से 1.40 लाख टन पीली मटर का आयात किया। इसके अलावा स्पेन, लातविया और यूक्रेन से 30-30 हजार टन से ज्यादा मटर का आयात किया गया। जून-जुलाई में मटर का आयात धीमा रह सकता है, लेकिन अगस्त से अक्टूबर के दौरान आयात की रफ्तार काफी तेज रह सकती है। 

वहीं, भारत से बांग्लादेश, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल, जिबूती, मलेशिया और ब्रिटेन को बड़ी मात्रा में दाल का निर्यात किया गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान भारत से दाल का कुल निर्यात वर्ष 2022-23 के मुकाबले 86,661 टन से 96.274 टन बढ़कर 1,82,935 टन हो गया।