उत्तर प्रदेश के इस शहर की दालमोठ नमकीन के विदेशी भी हैं मुरीद, 158 वर्षों से रुतबा हैं कायम

UP News : आगरा में लोग दालमोठ और पेठे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। नमकीन और पेठे की दुकानें हर गली चौराहे पर हैं। लेकिन पिछले 158 साल से भीमसेन बैजनाथ दाल मोठ नमकीन का प्यार आज भी है।
 

Saral Kisan : 158 साल पहले, स्वर्गीय लाला भीमसेन ने आगरा में भीमसेन बैजनाथ दाल मोठ और पेठे की दुकान खोली।158 साल पहले शुरू हुआ दालमोठ का व्यापार आज भी शहर पर शासन करता है। तीन प्रकार की मोठ नमकीन दाल उनकी दुकान पर उपलब्ध हैं। यह साहस है कि लोग दूसरे देशों में भी ग्राहक बन गए हैं।वर्तमान में भीमसेन बैजनाथ जी की छठवीं पीढ़ी इस व्यवसाय को चलाती है। पेठा स्पेशल कचौड़ी, समोसा जो आठ दिनों तक खराब नहीं होता और अन्य विभिन्न नमकीन भी हैं।

आगरा में लोग दालमोठ और पेठे का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। नमकीन और पेठे की दुकानें हर गली चौराहे पर हैं। लेकिन पिछले 158 साल से भीमसेन बैजनाथ दाल मोठ नमकीन का प्यार आज भी है। इस नमकीन को लोग इतना पसंद करते हैं कि भारत के अलावा विदेशों में भी ग्राहक हैं। जो लोग आगरा से हैं और फिर विदेश चले गए आज भी वे अपने आगरा के मित्रों से भीमसेन बैजनाथ की दाल मांगते हैं। दुकान पर तीन प्रकार की मोठ दाल उपलब्ध हैं। प्लेन यानी की सदा दाल मोठ (540 kg), पहली काजू दाल मोठ (700 kg), दूसरी ड्राई फ्रूट्स दाल मोठ (840 kg) हैं। आप इसे घर बैठे ऑनलाइन स्विग्गी, जोमैटो, जिओमार्ट से ऑर्डर भी कर सकते हैं दुकान आगरा हरीपर्वत चौराहे पर थाने के सामने है.

यह दालमोठ इतना लोकप्रिय क्यों है?

दुकान के मालिक योगेंद्र सिंगल बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने 158 साल पहले भीमसेन बैजनाथ दालमोठ और पेठा फर्म खोला था। लेकिन उनका यह व्यवसाय उससे भी पुराना है। 158 सालों में, हम ग्राहकों का भरोसा जीत चुके हैं। इसलिए, हम अपनी दालमोठ देसी घी और विशेष मसालों से बनाते हैं। ग्राहकों की पहली पसंद की वजह से पुराने ग्राहक यहाँ से नमकीन ले जाते हैं।आज भी उन्हें स्वाद में कोई अंतर नहीं मिलता। साथ ही दालमोट भी बहुत पसंद है। जिसमें खरबूजे के बीज, काजू, बादाम, पिस्ता और अन्य फ्रूट्स का बहुत सा प्रयोग किया जाता है।

दालमोठ नमकीन कैसे बनाया जाता है?

दुकान मालिक योगेंद्र सिंगल कहते हैं कि दालमोठ नमकीन नाम है।कई दल इसमें शामिल हैं। पहले बेसन का बारीक सेव दालमोट में बनाया जाता है। चने की दाल का बेसन है। सुनहरे तार जैसे दिखते हैं।मसूर की दाल भी इसमें शामिल है। बारीक बेसन के सेव और तली हुई मसूर की दाल को काली मिर्च और अन्य गुप्त मसाले से मिलाकर दालमोठ बनाया जाता है। काजू को दालमोठ ऐड करता है। दालमोट भी बहुत अच्छा है।

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