Credit Score:सिबिल के साथ साथ यह कंपनिया देती है क्रेडिट स्कोर, सबका होता है अलग!

क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य है जिसे आपको अवश्य जानना चाहिए। यह आपके वित्तीय स्थिति को मापने में मदद करता है। आपके क्रेडिट स्कोर से पता चलता है कि आपने कितने कर्ज लिए हैं, उन्हें कैसे वापस किया है,

 

क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण परिप्रेक्ष्य है जिसे आपको अवश्य जानना चाहिए। यह आपके वित्तीय स्थिति को मापने में मदद करता है। आपके क्रेडिट स्कोर से पता चलता है कि आपने कितने कर्ज लिए हैं, उन्हें कैसे वापस किया है, आपकी चुकती की क्या स्थिति है, और कई अन्य वित्तीय पहलुओं को दर्शाता है। यह एक प्रकार की आपकी वित्तीय जीवनशैली की प्रतिष्ठा होती है जिससे आपको वित्तीय लेन-देन में आत्म-संयम बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है।

क्रेडिट स्कोर के प्रकार:

1. सिबिल स्कोर:
भारत में सबसे आम क्रेडिट स्कोर नाम सिबिल स्कोर का है। यह स्कोर सबसे ज्यादा प्रयुक्त होने वाला है क्योंकि यह व्यक्ति के वित्तीय संदर्भ को सूचित करता है। आपके कर्जों की व्यवस्था, उन्हें चुकाने की प्रक्रिया, भुगतान की विवरण, और क्रेडिट उपयोग की आदतें इस स्कोर से पता चलती हैं।

2. एक्सपेरियन स्कोर:
यह स्कोर भी आपके वित्तीय स्थिति को मापने में मदद करता है। इसमें आपके पूर्व कर्ज की जानकारी और आपकी वित्तीय चालचल की विस्तृत जानकारी शामिल होती है।

3. इक्विफैक्स स्कोर:
यह स्कोर आपके वित्तीय इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। इसमें आपके सभी वित्तीय संदर्भ, कर्ज, और चुकती की जानकारी होती है जिससे आपकी वित्तीय स्थिति का संपूर्ण परिप्रेक्ष्य प्राप्त होता है।

4. सीआरआईएफ हाई मार्क स्कोर:
यह स्कोर भी आपके वित्तीय स्थिति को मापने में महत्वपूर्ण है। यह आपके वित्तीय चालचल, कर्ज की स्थिति, और चुकती के इतिहास को दिखाता है।

क्रेडिट स्कोर: आपकी वित्तीय स्थिति का प्रमुख फैक्टर

क्रेडिट स्कोर वो अंक होते हैं जो आपकी वित्तीय प्रदर्शन क्षमता को दर्शाते हैं. यह अंक आमतौर पर 300 से 900 के बीच में होते हैं और आपके वित्तीय स्थिति के कई पहलुओं पर निर्भर करते हैं।

क्रेडिट स्कोर को खराब करने वाले कारण

आपके क्रेडिट स्कोर पर कई कारणों का प्रभाव पड़ता है। अगर आपने हाल ही में किसी भी प्रकार के कर्ज या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, तो इसका आपके स्कोर पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही, अगर बैंकों ने आपकी वित्तीय सूचना की जांच की है, तो भी यह आपके स्कोर को प्रभावित कर सकता है। वैसे ही, अगर आपने किसी लोन की किस्त या क्रेडिट कार्ड की चुकता करने में देरी की है, तो भी आपके स्कोर पर असर पड़ सकता है। आपका क्रेडिट मिक्स, क्रेडिट यूटिलाइजेशन, और क्रेडिट एज भी आपके स्कोर को प्रभावित करते हैं।

क्रेडिट स्कोर की विभिन्न प्रकार

क्रेडिट स्कोर को आमतौर पर विभिन्न श्रेणियों में बाँटा जा सकता है। आपका स्कोर 650 से 750 के बीच हो तो यह अच्छा माना जाता है, जिससे आपको आसानी से लोन और क्रेडिट कार्ड मिल सकते हैं। 750 से ऊपर का स्कोर शानदार माना जाता है और आपको विशेष लाभ प्रदान किया जा सकता है। अगर आपका स्कोर 550 से 650 के बीच है, तो यह एक औसत स्कोर माना जाता है, जबकि 550 से कम का स्कोर खराब माना जाता है।

क्रेडिट स्कोर के अलग-अलग कारण

क्रेडिट स्कोर अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरोज़ के आधार पर अलग-अलग होते हैं। आपका सिबिल स्कोर एक ब्यूरो में 700 के पार हो सकता है, जबकि सीआरआईएफ में 500 से कम हो सकता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे कि बैंक और वित्तीय संस्थान अलग-अलग ब्यूरोज़ को अलग-अलग समय पर आपकी वित्तीय जानकारी प्रस्तुत करते हैं, जिससे स्कोर को अपडेट होने में अंतर हो सकता है। इसके साथ ही, ब्यूरोज़ के स्टैंडर्ड भी भिन्न होते हैं, जिससे एक ही पैरामीटर पर भी विभिन्न असर हो सकते हैं। कुछ ब्यूरोज़ हर महीने स्कोर को अपडेट करते हैं, वहीं कुछ तीन महीने का समय लगाते हैं, जिससे भी स्कोर में अंतर आ सकता है।

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