Cosmetics : सौंदर्य उत्पादों से बढ़ता है कैंसर का खतरा, हजारों महिलाओं ने नामी कंपनी पर किया केस दर्ज
 

Cosmetics Cause Cancer : ये कुछ सौंदर्य उत्पाद कंपनियां जानती हैं कि हर व्यक्ति बेहतर और सुंदर दिखना चाहता है और इसी कमजोरी का फायदा उठाती हैं। ये ब्यूटी प्रोडक्ट के नाम पर आपको कई गंभीर बीमारियां दे सकते हैं, जिसका आपको पता नहीं है। 

 

Saral Kisan : अमेरिका में हजारों महिलाओं ने जॉनसन एंड जॉनसन, एस्टी लॉडर एंड एवॉन जैसी बड़ी कॉस्मेटिक्स कंपनियों पर केस दायर किए हैं। इन कंपनियों के सौंदर्य उत्पादों ने उन्हें मेसोथेलियोमा कैंसर दे दिया। इन कंपनियों के सौंदर्य उत्पादों में एस्बेस्टस होता है, जो कैंसर का खतरा पैदा करता है। इसे कंपनियां अपने ग्राहकों से नहीं बतातीं। क्लिनिक ब्रांड वाली एस्टी लॉडर ने अपने उत्पादों में एस्बेस्टस होने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया, हालांकि उस पर इस मामले में कई केस चल रहे हैं। उसने कई समझौते किए हैं। 

खासतौर पर टैल्कम आधारित सौंदर्य उत्पादों में इसकी मात्रा सबसे ज्यादा होती है। ये फाउंडेशन, मस्कारा, लिपस्टिक से लेकर ड्राई शैंपू तक सबमें होते हैं। दरअसल, टॉल्क नमी सोख लेता है और सौंदर्य उत्पादों को खराब होने से रोकता है। यह खनिज जमीन से निकाला जाता है, लेकिन ज्यादातर जगहों पर इसमें एस्बेस्टस घुला रहता है। यही एस्बेस्टस हमारे शरीर में आ जाता है। जिन सौंदर्य उत्पादों में टैल्कम मिलाया जाता है, उनमें एस्बेस्टस की मात्रा होने से ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो जाते हैं।

हालांकि, ऐसे ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को मेसोथेलियोमा कैंसर नहीं होता क्योंकि टॉल्क में एस्बेस्टस की मात्रा अलग-अलग होती है। यह इस पर निर्भर करता है उसका खनन कहां से हुआ है। यही वजह है कि जांच में भी कई कंपनियां बच जाती हैं। इसकी वजह से कई महिलाओं को ओवेरियन कैंसर भी हो गया है। हाल ही में प्रकाशित ब्रिटिश मेडिकल मानवविज्ञानी टेस बर्ड और अमेरिकन क्लिनिकल प्रोफेसर डेविड एजिलमैन की शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले खनिज टॉल्क एस्बेस्टस फ्री नहीं हो सकता। उसकी मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है। इसीलिए कंपनियां इसको टेस्ट करने के लिए एक्स-रे मेथड का इस्तेमाल करती हैं। इस तरीके से एस्बेस्टस की मात्रा बहुत ही ज्यादा होने पर पकड़ में आती है।

कॉस्मेटिक कंपनियां खुद शोध की फंडिंग करने लगीं

कॉस्मेटिक कंपनियों ने डॉक्टरों को रखा है। ये पैनल दुनिया भर में टॉल्क खनिज पर हो रहे शोधों को गलत बताता है, जिसमें कॉस्मेटिक्स कंपनियां दोषी हैं। इसके लिए वे सिर्फ अध्ययन करते हैं। यहां तक कि कंपनियां खुद शोध को धन देती हैं। वे खुद भी कॉस्मेटिक उत्पादों को पूरी तरह सुरक्षित बताने वाले शोध पत्र प्रकाशित कर रहे हैं।