Copper Vessels: अगर रहना हैं जिंदगी भर निरोगी, तो इस बर्तन में पीना चाहिए पानी
According To Ayurveda: भारत में तांबे के बर्तन सदियों से उपयोग होते रहे हैं। तांबे के बर्तन में बना खाना हो या पानी, दोनों के बहुत से लाभ हैं। तांबे के बर्तनों की जगह लोगों ने कांच या स्टील के बर्तनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से शरीर के वात, कफ और पित्त दोष दूर होते हैं। तांबे के बर्तन में पानी डालने पर तांबा पानी में उतर जाता है और सारे अच्छे तत्व उसमें मिल जाते हैं।
पाचन क्रिया -
आजकल की दिनचर्या और खान पान के कारण एसीडिटी और खाना पचाने में दिक्कत होना बहुत आम समस्याएं हैं. इसके अलावा कई लोग अल्सर, अपच और इंफेक्शन जैसी पेट की समस्याओं से जूझते हैं. ऐसे में तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से इनसे छुटकारा मिल सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, पेट के रोग मिटाने के लिए रात भर तांबे के बर्तन में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए.
हार्ट अटैक का खतरा होता है कम -
अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, ताम्बे के तत्त्व ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं. तो लोग लोग दिल के मरीज हैं या इस बीमारी के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो उन्हें तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिए.
वजन घटाने के लिए -
कई बार फाइबरयुक्त खाना खाने के बावजूद भी वजन कम नहीं हो पाता. ऐसे में रोज सुबह उठकर तांबे के बर्तन में रखे पानी को पियें. इस पानी से शरीर की चर्बी कम होती है.
खराब बैक्टीरिया से बचाव -
हमारे पर्यावरण में बहुत से ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे शरीर में घुसकर उसे कमजोर करते हैं तांबे में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बहुत प्रभावी रूप से बैक्टीरिया का सफाया कर देते हैं. ताम्बे का पानी पीने से पीलिया और हैजा जैसे रोग में भी राहत मिलती है.
हमेशा रहें जवां -
चेहरे पर आती झुर्रियों से छुटकारा दिलाने के लिए तांबा प्राकृतिक उपचार साबित हो सकता है. उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होने की वजह से तांबा फ्री रेडिकल्स का सफाया करता है जो कि झुर्रियों का मुख्य कारण है. साथ ही तांबे की मदद से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं.
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