राजस्थान में बाजरे से बनेंगे कंटेनर, सालाना दो लाख करोड़ रुपए का होगा लाभ
Cold Storage : देश में हर साल 2 लाख करोड रुपए से ज्यादा के फल और सब्जी खराब हो जाते हैं. लेकिन अब फल और सब्जियों को सड़ने से बचाने के लिए बड़ा शोध किया जाना है. इस शोध में बाजारा बड़ी भूमिका निभाने वाला है।
Rajasthan News: भारत में बड़े स्तर पर फल और सब्जियों की पैदावार की जाती है. भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा फल उत्पादक देश है. लेकिन देश में सुविधाओं की कमी के चलते फल और सब्जियां खराब ज्यादा होते है. देश में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था कम होने की वजह से देश को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी ना होने की वजह से हर वर्ष 15 फीसदी फल और सब्जी खराब हो जाते हैं. व्यवस्था न होने की वजह से हर साल 2 लाख करोड रुपए से ज्यादा की फल और सब्जी खराब हो जाते हैं.
बाजरा निभाएगा अहम भूमिका
अब फल और सब्जियों को सड़ने से बचने के लिए सरकार बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। बाजरे की भूसी फल और सब्जियों को सड़ने से बचने के लिए अहम योगदान निभाने वाली है. फल और सब्जियों को बाजरे से तैयार किए हुए कंटेनर में रखने से उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है. फल और सब्जियां फिर खराब नहीं होती.
केंद्र सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने एस्पायर स्कीम के माध्यम से जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय और नागौर के बीआर मिर्धा राजकीय महाविद्यालय को इस विषय में और अधिक शोध और अंतिम उत्पादन बनाने के लिए एक परियोजना दी है। योजना के दौरान बाजरे में खोजा गया जीन फल और सब्जियों को सड़ने से बचाता है।
महिला वैज्ञानिकों को चुना गया
देश भर से तीन हजार प्रस्ताव सीएसआईआर एस्पायर स्कीम के माध्यम से भेजे गए, जिसमें से 300 प्रस्ताव महिला वैज्ञानिकों को स्वीकृत किए गए। जेएनवीयू जोधपुर के वनस्पति शास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्वेता झा और मिर्धा कॉलेज नागौर की डॉ. सरोज कुमारी फगोडिया ने मिलकर प्रस्ताव पारित किया। यह प्रोजेक्ट 3 वर्ष का होगा और 30 लाख रुपए मिलेंगे।
टमाटर पर बेहतर परिणाम
बाजरे की भूसी से तैयार किया हुआ कंटेनर से टमाटर पर इसका प्राथमिक परीक्षण किया गया. इस प्राथमिक परीक्षण के बेहतर परिणाम सामने आए हैं. इस प्रोजेक्ट की प्रमुख अन्वेषक डॉ सरोज कुमारी फगेड़िया नहीं बाजरे की भूसी से कंटेनर बनाकर यह परीक्षण किया है. इस परीक्षण में यह साबित हुआ है कि टमाटर की सेल्फ लाइफ इससे बढ़ गई है। टमाटर बहुत दिनों तक तरोताजा रहे. अब बड़े स्तर पर बाजरे के भूसे से कंटेनर बनाकर सड़ने से बचाया जाएगा. मौजूदा समय में बाजरे की भूसी का प्रयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है.
आंकड़ों के अनुसार नजर डालें तो
1 - भारत फल व सब्जी पैदावार में दुनिया में दूसरे स्थान पर कायम है.
2 - हर वर्ष 15 फ़ीसदी फल और सब्जियां खेत से ग्राहक तक पहुंचने में ही खराब हो जाती है.
3 - देश में अभी 320 मिलियन मेट्रिक टन स्टोरेज की क्षमता है, लेकिन अभी भी 320 MM टन की आवश्यकता है.
4 - हर साल 2 लाख करोड रुपए से ज्यादा की फल सब्जी खराब हो जाती हैं.
5 - बाजरे की भूसी से बने कंटेनर में सब्जियों और फल रखने से उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है.