उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के घर अब मीटर रीडिंग के लिए जाएंगे चीफ इंजीनिजियर, ये है बड़ी वजह
 

UP News : यूपी में गलत बिलिंग पर दंड लगाया जाएगा। अब चीफ इंजीनिजियर भी बिजली उपभोक्ताओं के घर मीटर रीडिंग करेंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

 

UP News : यूपी में पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने मुख्य अभियंता स्तर तक के अधिकारियों को सही और समय पर बिजली बिल देने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बिजली महकमें के अधिकारी मीटर रीडर के साथ उपभोक्ता के घर जाएंगे और मीटर की रिकॉर्डिंग लेंगे। मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता को भी रिडिंग करने का आदेश दिया गया है।  उपरोक्त निर्देश शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने शक्ति भवन में समीक्षा बैठक में दिए गए थे। उनका कहना था कि ग्राहकों को मीटर के हिसाब से सही रीडिंग का बिल मिलना चाहिए। सिर्फ मीटर रीडरों पर भरोसा मत करो। अधिकारी भी रीडर के साथ मीटर को पढ़ने के लिए उपभोक्ता क्षेत्र में जाएं।

हमारे उपभोक्ता महत्वपूर्ण हैं और हम उनके लिए जनसेवक हैं। उपभोक्ताओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों को सही रीडिंग मिलने के लिए विशिष्ट निर्देश दिए गए। कहा कि अधिकारी गांवों में भी रीडिंग करने के लिए जाना चाहिए। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कॉर्पोरेट कार्यस्थलों पर कॉर्पोरेट कनेक्शन लगाए जाएं। लोड की जांच करके सही श्रेणी का कनेक्शन दें। उनका कहना था कि गर्मी के दिनों में बिजली किन कारणों से बाधित होती है, उन कारणों को तुरंत दूर करना चाहिए। चेयरमैन ने कहा कि फरवरी रक्षा महीने होगा। विद्युत वितरण से जुड़े सभी कार्य पूरे किए जाएं। 

लापरवाही के आरोपी एसडीओ और एक्सईएन को स्थानांतरित किया गया

चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने केस्को कानपुर के अधिशासी अभियंता अश्विनी चतुर्वेदी और एसडीओ विमल कुमार को तुरंत स्थानांतरित करने का आदेश दिया क्योंकि वे उपभोक्ताओं के भार को बढ़ा रहे थे। इसके अलावा, इस मामले की जांच करने का आदेश दिया गया है।

रिपेयरिंग ट्रांसफार्मरों की थर्ड पार्टी जांच होगी

चेयरमैन ने कहा कि सभी कार्यशालाओं के कामों की परफॉर्मेंस का विश्लेषण करके रिपेयर किए जा रहे वितरण ट्रांसफार्मर की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यशालाओं से बदले गए ट्रांसफार्मरों की थर्ड पार्टी जांच की जानी चाहिए।

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