बिहार में बायपास और फोरलेन सड़कों के प्रोजेक्ट की भरमार, पटना, गया और बिहारशरीफ वालों की मौज

Bihar News : बिहार के गया से बिहारशरीफ जाने में मौजूदा समय में 4 घंटे का समय लगता है। बिहार के गया से नालंदा के बिहारशरीफ नगर तक नई फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। लेकिन इस फोरलेन सड़क के बन जाने के बाद यह दूरी मात्र ढाई घंटे में तय की जा सकेगी।

 

Bihar National Highway : बिहार के गया से बिहारशरीफ तक 93 किलोमीटर लंबी फोर लाइन सड़क का निर्माण हो रहा है। वर्तमान समय में गया से बिहार शरीफ की दूरी तय करने में 4 घंटे का वक्त लगता है। लेकिन इस फोरलेन सड़क के बन जाने के बाद यह दूरी मात्र ढाई घंटे में तय की जा सकेगी। बिहार में गया हिसुआ राजगीर नालंदा बिहारशरीफ फोरलेन NH-82, अरवल जहानाबाद बिहारशरीफ दो लेन NH-110 की मरम्मत और मुजफ्फरपुर बाईपास का निर्माण इसी वर्ष पूरा होने की पूरी उम्मीद है। 

तीन महत्वपूर्ण योजनाओं पर युद्ध स्तर पर काम जारी 

बिहार की इन तीन महत्वपूर्ण योजनाओं पर युद्ध स्तर पर काम करने का आदेश जारी किया गया है. इन तीनों परियोजनाओं पर काम पूरा होने के बाद बिहार के किसी भी हिस्से से लोग राजधानी पटना मात्र 5 घंटे में पहुंच सकेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि गया हिसुआ राजगीर नालंदा बिहारशरीफ फोरलेन में आरओबी बनाने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इसका निर्माण कार्य इसी साल अगस्त 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है।

93 किमी की लंबाई में लगभग 2138 करोड़ रुपये की लागत

गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ फोरलेन एनएच-82 का निर्माण करीब 93 किमी की लंबाई में लगभग 2138 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है, सूत्रों से जानकारी मिली हैं। इसके निर्माण से बिहारशरीफ जाने में समय कम लगेगा। फिलहाल, गया से बिहारशरीफ जाने में चार घंटे का समय लगता है। नई फोरलेन सड़क बनने के बाद यह सफर लगभग ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। ऐसा करने से लगभग डेढ़ घंटे की बचत होगी। साथ ही, यह सड़क बुद्ध सर्किट का एक महत्वपूर्ण भाग होगी। सड़क का निर्माण 20 अक्टूबर 2016 को शुरू हुआ था और 2018 में पूरा होना था। शुरुआत में लगभग 925.87 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित की गई थी।  विलंब के कारण इसकी लागत में भी बढ़ोतरी हो गयी.

तीन जिलों को मिलेगा तगड़ा फायदा 

राज्य में अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ दो लेन एनएच-110 को मरम्मत कर बेहतर बनाने का काम धीमी गति से चल रहा है. इस मार्ग की लंबाई करीब 21 किमी है। इसका निर्माण इस वर्ष तेज करने का आदेश दिया गया है। इस सड़क के निर्माण से तीन जिलों के लोगों को सीधे लाभ होगा। अरवल, जहानाबाद और नालंदा भी इसमें हैं। बुद्ध सर्किट में भी यह सड़क महत्वपूर्ण है।

2010 में लिया गया बाइपास बनाने का निर्णय 

मुजफ्फरपुर बाइपास, लगभग 17 किमी की लंबाई में करीब 180 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में बनाया जा रहा है। 2010 में बाइपास बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन काम 2012 से शुरू हुआ। इसके बाद जमीन अधिग्रहण सहित कई बाधा आईं। 2019 में हाइकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इसका काम तेजी से शुरू हुआ, लेकिन कोरोनावायरस संकट ने इसे फिर से बाधित कर दिया। अब यह इस साल पूरा होने की संभावना बनी हुई है। 

बाइपास का निर्माण

बाइपास का निर्माण मुजफ्फरपुर शहर पर ट्रैफिक दबाव कम करेगा। साथ ही नेपाल जाना आसान होगा। पटना से नेपाल, पूर्णिया और गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश जाना आसान होगा। वहीं सीतामढ़ी से सोनबरसा जाने की सुविधा बढ़ेगी। पटना और मुजफ्फरपुर की राजधानियों को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के फोरलेन से कनेक्टिविटी मिल सकेगी। वाहनों को मझौली से नेपाल को जोड़ने वाली एनएच-527 सी से भी पटना आना आसान हो जाएगा।