उत्तर प्रदेश के इस जिले में जमीन खरीदना हुआ महंगा, सर्किल रेट में 17 फीसदी आई तेजी

UP News : यूपी में इस जिले में सर्किल रेट बढ़ जाने के कारण जमीनों का खरीदना महंगा हो गया है। उत्तर प्रदेश के इस जिले में जिला प्रशासन ने सर्किल रेट बढ़ाने के फैसले पर 5 साल बाद मोहर लगा दी हैं। 

 

Uttar Pradesh News : यूपी में इस जिले में 5 साल बाद सर्किल रेट बढ़ गई है। पिछले 6 महीने से इस प्रक्रिया परलगातार काम चल रहा था। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में सितापुर जिले में जमीनों की सर्किल रेट बढ़ाने के फैसले को मंजूरी मिल चुकी है। जिला प्रशासन ने बताया कि हाईवे के किनारे जमीन के सर्किल रेट में 17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है। 

जिला प्रशासन की तरफ से मार्च महीने के पहले हफ्ते से बड़ी दरों का बैनामा शुरू हो गया हैं। पहले जमीनों की रजिस्ट्री  से हर दिन जिला प्रशासन को 22 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। अब सर्किल रेट बढ़ोतरी से रसों में 17 फीसदी का इजाफा होगा।

सर्किल दरें अत्यंत कम

मार्च के पहले सप्ताह से बढ़ी दरों पर बैनामा होना शुरू हुआ। 2018 में जनपद में सर्किल रेट बढ़े, निबंधक विभाग यह जानकारी सांझा की हैं। विभाग ने सर्वेक्षण करके पाया कि जमीन का बाजार मूल्य काफी बढ़ा है। वहीं, सर्किल दरें अत्यंत कम हैं। इसलिए जिला प्रशासन ने नेपालापुर, टेड़वा चिलौला, गुजारा, नीनेर, अमीरनगर, खगेसियामऊ इलसिया, कन्वाखेड़ा, धानीपुर, बनहेटा, ललियापुर, जैनपुर, रहीमाबाद और खैराबाद नगर पालिका परिषद के कुछ क्षेत्रों में सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला किया है।

खरीद-फरोख्त पर स्टांप ड्यूटी

जमीनों की खरीद-फरोख्त में राजस्व शुल्क के रूप में स्टांप ड्यूटी लगाई जाती है, जो सर्किल रेट के अनुरूप होता है। हर साल, जिला प्रशासन को इस दर का आकलन करके इसकी बदली हुई दरें जारी करनी होती हैं। लोग इन क्षेत्रों में जमीन खरीद रहे हैं। वहीं, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में दरों में कम वृद्धि हुई है।

क्षेत्र पुराना सर्किल रेट नवीन दर प्रति हेक्टेयर
धरैंचा 42 50
नैपालापुर 74 90
सराय मल्हुई 74 90
लक्ष्मणपुर 74 90
धनीपुर 74 90
ललियापुर 74 90
इलसिया ग्रंट 74 90
जमैय्यतपुर 74 90

जिले की आय सीधे प्रभावित

सर्किल रेट बढ़ने से जिले की आय सीधे प्रभावित होती है। सर्किल रेट में प्रतिशत की वृद्धि से जिले की आय में वृद्धि होती है। जो जमीन की दरें बढ़ी हैं अब उन इलाकों में लोगों को जमीन खरीदने पर अधिक रकम चुकानी होगी। वहीं, स्टांप की बिक्री और राजस्व में वृद्धि होगी। यह आय जिले के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।