Bullet Train India : अब चलेगी बुलेट ट्रेन, लोको पायलट की हो रही भर्ती, इस देश में होगी ट्रेनिंग
Bullet Train : बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, गुजरात में बुलेट ट्रेन का ट्रायल होगा। इसके बाद बुलेट ट्रेन को इन रूटों पर संचालित किया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि लॉको पायलट की भर्ती अभी से शुरू हो गई है।
Saral Kisan : मुंबई से गुजरात के साबरमती तक 508 किलोमीटर की दूरी में चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन के लोको पायलट (LP) की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इन पायलटों को दुनिया की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन मैनेजमेंट से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। ट्रेनिंग पीरियड एक साल का होगा। पायलटों को जापान भेजने से पहले जापानी लैंग्वेज भी सिखाई जाएगी, ताकि ट्रेनिंग के दौरान इन्हें कोई दिक्कत न हो।
जापान की बुलेट ट्रेन से होगी ट्रेनिंग
नैशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों ने बताया कि जो भी LP सेलेक्ट होंगे, उन्हें भारतीय रेल या मेट्रो चलाने का कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। मानसिक और शारीरिक तौर पर वे एकदम स्वस्थ होने चाहिए। कुछ बातों को छोड़ दें तो भर्ती की तमाम क्राइटेरिया भारतीय रेलवे जैसी होगी। पहले बैच में 20 हाई स्पीड ट्रेन पायलटों की भर्ती की जा रही है। उम्मीद है कि अगले साल जनवरी-फरवरी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। मई-जून 2024 तक पायलटों के पहले बैच को शिनकानसेन बुलेट ट्रेन से ट्रेनिंग दिलाने के लिए जापान भेज दिया जाएगा।
अगस्त 2026 तक 50 किमी रूट पर दौड़ने लगेगी बुलेट
बुलेट ट्रेन का पहले चरण में गुजरात के सूरत से बिलिमोरा वाले 50 किलोमीटर के रूट पर ट्रायल रन होगा। इसके अगस्त 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है। 2027 तक बुलेट ट्रेन की सर्विस बड़े रूट तक शुरू कर हो जाएगी।
मुंबई से साबरमती तक 12 स्टेशन होंगे। इनमें सीमित स्टेशनों पर रुकते हुए यह ट्रेन 508 किलोमीटर की दूरी दो घंटे सात मिनट और सभी स्टेशनों पर रुकते हुए यह दूरी दो घंटे 58 मिनट में पूरा करेगी।
जापान के बुलेट ट्रेन सिस्टम को क्यों अपना रहा भारत?
देश की पहली बुलेट ट्रेन को चलाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। कुल 508 किलोमीटर के रूट में से 352 किलोमीटर पर काफी काम हो चुका है। एक्सपर्ट का कहना है कि इस रूट पर कामयाबी मिलने के बाद देश के अन्य रूटों पर भी बुलेट ट्रेन दौड़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसकी अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी,
लेकिन यह 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। तेज रफ्तार के साथ ही सुरक्षा से समझौता न हो, इसके लिए दुनिया की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली शिनकानसेन बुलेट ट्रेन सिस्टम को अपनाया जा रहा है।
1964 से शुरू इस ट्रेन सिस्टम से आज तक एक भी यात्री की मौत नहीं होने का दावा किया गया है। ऐसे में भारत अपनी तरफ से बेस्ट सिस्टम को अपनाते हुए देश में बुलेट ट्रेन को लॉन्च करने की तैयारी में है।