बिहार में विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव होगा, छात्रों के हित में फैसला
Bihar News : राज्य के विश्वविद्यालयों से ऐसे पुराने बेकार पाठ्यक्रम हटाए जाएंगे, जिनमें अब छात्र लगभग नामांकन नहीं ले रहे हैं। उनकी जगह ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो छात्रों के हित में हों और जो छात्रों के भविष्य के लिए लाभकारी हों।
Bihar News : राज्य के विश्वविद्यालयों से ऐसे पुराने बेकार पाठ्यक्रम हटाए जाएंगे, जिनमें अब छात्र लगभग नामांकन नहीं ले रहे हैं। उनकी जगह ऐसे पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जो छात्रों के हित में हों और जो छात्रों के भविष्य के लिए लाभकारी हों। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, जेपीयू छपरा और बीएनएमयू के कुलपतियों की कमेटी बनाई है। 12 जून को शिक्षा मंत्री ने सभी कुलपतियों के साथ बैठक भी की थी। पाठ्यक्रम की समीक्षा और पाठ्यक्रम में बदलाव इसके लिए की गई व्यवस्था का पत्र शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने जारी किया है।
भविष्य में खुल सकते हैं नए पाठ्यक्रम
भविष्य में रेशम उत्पादन, फिजियोथेरेपी, योग, बीपीएड, आपदा प्रबंधन, पर्यटन एवं यात्रा, एमजेएमसी, पारा मेडिकल के पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। स्नातक और पीजी स्तर पर पुराने माने जाने वाले पाठ्यक्रमों की जगह संबद्ध विषयों की पढ़ाई शुरू की जा सकती है।
पुराने कोर्स का मुद्दा
कुलपतियों की बैठक में मुख्य रूप से दो समस्याओं पर चर्चा हुई। पहला, वर्षों से चले आ रहे पुराने कोर्स का मुद्दा, जिसमें अब छात्र नामांकन नहीं ले रहे हैं। तय हुआ कि कोर्स के सिलेबस की समीक्षा की जाए। जो विषय अब उपयोगी नहीं रह गए हैं, उन्हें हटाकर नए कोर्स जोड़े जाएं। विभिन्न वोकेशनल और प्रोफेशनल कोर्स को बेहतर तरीके से संचालित करने और स्ववित्तपोषित कोर्स संचालित करने पर नए सिरे से काम हो।
वोकेशनल कोर्स 20 साल से अधिक पुराने
टीएमबीयू की बात करें तो 2019 से अब तक स्नातक में मात्र 11 ऐसे कोर्स हैं, जिनकी मांग है। ऐसे विषय हैं हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, भौतिकी, रसायन विज्ञान, प्राणि विज्ञान, गणित और वाणिज्य। दर्शनशास्त्र, ग्रामीण अर्थशास्त्र, बंगाली, उर्दू, मैथिली, वनस्पति विज्ञान जैसे कोर्स में नामांकन नगण्य हो रहा है। सीटें खाली रहने के कारण इस बार पांचवें चरण में सत्र 2024-28 में नामांकन लेना है।अधिकांश वोकेशनल कोर्स 20 साल से अधिक पुराने हैं।