NCR के इस हिस्से में बड़ी बड़ी कंपनियां चाहती है जमीन खरीदना, यह इलाका बना पहली पसंद
NCR - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि एनसीआर की इस जगह पर बड़ी-बड़ी कंपनियां जमीन लेना चाह रही है। जिनमें डिफेंस, एयरोस्पेस और सेमी कंडक्टर मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री अहम हैं। अब इन उद्योगों से जुड़े ग्रुप भी सीधे नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी में प्लॉट के लिए आवेदन कर अपनी यूनिट लगाएंगे...इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे।
Saral Kisan News : नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी में इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन के लिए बनाई जा रही नई पॉलिसी फाइनल हो गई है। पॉलिसी में दोनों अथॉरिटी एरिया में लगने वाले उद्योगों की सूची में 40 और नई इंडस्ट्री शामिल की गई हैं। इनमें डिफेंस, एयरोस्पेस और सेमी कंडक्टर मैन्युफेक्चरिंग इंडस्ट्री अहम हैं। अब इन उद्योगों से जुड़े ग्रुप भी सीधे नोएडा और ग्रेनो अथॉरिटी में प्लॉट के लिए आवेदन कर अपनी यूनिट लगाएंगे।
पॉलिसी में बड़ा बदलाव यह भी हुआ है कि ई-नीलामी हटाए जाने के साथ 4 हजार वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल के प्लॉट के आवंटन को लागू ड्रॉ की प्रक्रिया भी हटा दी गई है। अब सभी प्लॉट का आवंटन इंटरव्यू और अन्य मानक के आधार पर होंगे। यह मानक तय करने और पॉलिसी बनाने को लेकर शनिवार को ऑनलाइन बैठक औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हुई थी।
गौरतलब है कि पहले जिले की तीनों अथॉरिटी में औद्योगिक प्लॉट का आवंटन ई-नीलामी से हो रहा था। औद्योगिक विकास आयुक्त ने पत्र जारी कर ई-नीलामी को हटा दिया था। इसके बाद नई पॉलिसी बननी थी। तय हुआ था कि इस नई पॉलिसी में इंटरव्यू समेत आवेदन के अन्य मानक रखे जाएंगे। फिर नोएडा, ग्रेनो अथॉरिटी ने इसका ड्राफ्ट बनवाया। साथ ही, शासन स्तर पर भी वर्कआउट करवाया गया। इसमें प्लॉट आवंटन के 100 नंबर रखे गए। बाकी कंपनी की मौजूदा स्थिति, निवेश, कैश फ्लो, रोजगार के मौके, देनदारी, फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (एफडीआई) समेत अन्य मानक रखे गए हैं।
अब यह मानक भी तय हो गए और कौन से मानक पर कितने नंबर दिए जाने हैं यह भी तय हो गया है। कंपनी का अगर फॉर्च्यून या फोर्ब्स की सूची में शामिल है तो उसे आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। पहले आवंटन ड्रॉ और इंटरव्यू से होता था, लेकिन फिर पारदर्शिता के दावे के साथ अप्रैल-2022 के बाद से तीनों अथॉरिटी में इंडस्ट्रियल प्लॉट के आवंटन में ई-नीलामी की व्यवस्था शुरू की गई थी। नोएडा, ग्रेनो और यमुना अथॉरिटी में 04, 05 और 26 अप्रैल 2022 की बोर्ड बैठकों में प्लॉट ई-नीलामी के जरिए आवंटन करने का निर्णय लिया गया था। व्यवस्था यह लागू हुई थी कि 4 हजार वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल के प्लॉट का आवंटन ड्रॉ और बाकी का आवंटन ई-नीलामी से होगा। इसके बाद नोएडा अथॉरिटी में 3 स्कीम लॉन्च कर प्लॉट आवंटन हुआ। इसी तरह ग्रेनो और यमुना में भी कई बार ई-नीलामी हुई थीं। ई-नीलामी में अथॉरिटी का फायदा हो रहा था। लेकिन कई उद्यमी संगठन इसके पक्ष में नहीं थे।
सनराइज सेक्टर का नया कांसेप्ट-
इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन पॉलिसी में नोएडा-ग्रेनो के लिए सनराइज सेक्टर का नया कांसेप्ट आया है। इसका मकसद एक ही तरह की इंडस्ट्रियों को एक जगह पर स्थापित करवाकर क्लस्टर डिवेलपमेंट पर जोर देना है। सनराइज सेक्टर सूचना प्रौधोगिकी को कहा जाता है इसे अंग्रेजी में आईटी सेक्टर के नाम से जाना जाता है। इस कांसेप्ट से आईटी सेक्टर को सहूलियत के साथ विशेष आमंत्रण नोएडा-ग्रेनो में मिलेगा। वहीं सूची में अब तक 142 इंडस्ट्री नोएडा में शामिल थीं। इनको बढ़ाकर 182 कर दिया गया है।
इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन के मानक-
मानक नंबर
सनराइज सेक्टर 20
एफडीआई 10
एक्सपोर्ट 10
स्थापित, सहायक, विस्तार 05
स्टार्टअप 07
नेटवर्थ 10
लिक्विडिटी 10
रोजगार के अवसर 05
इंटरव्यू व टेक्निकल प्रजेंटेशन 10
महिला/ दिव्यांग/ एससी-एसटी 03
नोएडा-ग्रेनो अथॉरिटी जल्द लॉन्च करेंगी अपनी स्कीम-
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फाइनल हुई पॉलिसी पर शासन स्तर से नोएडा-ग्रेनो अथॉरिटी को निर्देश मिल गए हैं। निर्देश यह है कि इस पॉलिसी के आधार पर प्लॉट आवंटन की स्कीम लॉन्च करने के ब्रोशर तैयार किए जाएं। इसके बाद दोनों अथॉरिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। नोएडा अथॉरिटी करीब 12 प्लॉट तो ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी 30-35 इंडस्ट्रियल प्लॉट की स्कीम लाने की तैयारी में है। नोएडा में एक सड़क की वजह से 8 इंडस्ट्रियल प्लॉट की कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है। सेक्टर-164 में अगर यह सड़क बन जाती है तो अथॉरिटी 20 प्लॉट स्कीम में शामिल कर सकती है। यह सभी प्लॉट बड़े क्षेत्रफल वाले हैं।
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