राजस्थान में भजनलाल सरकार जल्द चालू करेगी परमाणु बिजली घर, इस महीने से उत्पादन शुरू

Solar Power : कूलेंट चैनल और फीडर रिप्लेसमेंट के लिए 20 माह से बंद राजस्थान में परमाणु बिजलीघर की तीसरी इकाई से जुलाई से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा।
 

Solar Power : कूलेंट चैनल और फीडर रिप्लेसमेंट के लिए 20 माह से बंद राजस्थान में परमाणु बिजलीघर की तीसरी इकाई से जुलाई से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। 220 मेगावाट की इस इकाई में फ्लू चैनल और फीडर रिप्लेसमेंट समेत आधुनिक अपग्रेडेशन भी किया गया है। जिससे इसकी सुरक्षा और मजबूत हो गई है। अब यह इकाई अगले 25 साल तक रिकॉर्ड उत्पादन कर सकेगी। 

अधिकारी ने क्या कहा 

राजस्थान परमाणु बिजलीघर के केंद्रीय निदेशक डी सुब्बाराव ने बताया कि इस इकाई में यूरे नियम ईंधन बंडल भरने का काम गुरुवार से शुरू हो जाएगा। कूलेंट चैनल और फीडर रिप्लेसमेंट के काम से इसकी लाइफ 25 साल बढ़ जाएगी। इस पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च आने की उम्मीद है। परमाणु बिजलीघर में वर्ष 2000 में पहली बार उत्पादन शुरू किया था। अब 22 वर्ष के बाद इसका लंबा शट्डाउन लिया जाएगा है।

परमाणु बिजलीघर में बिजली उत्पादन के लिए कूलेंट जरूरी होता है।  परमाणु ऊर्जा संयंत्र में दो रिएक्टरों से यूरेनियम ईंधन भरा जाता है। जब परमाणु ऊर्जा संयंत्र उत्पादन करता है तो एक तरह से रोबोट के माध्यम से उत्पादन करते समय इसे भरा जाता है और दूसरे तरह से उत्पादन से पहले भरा जाता है। परमाणु ऊर्जा को अभी अपग्रेड किया गया है। पुराना ईंधन खत्म हो रहा है। इसलिए इसे हाथ से भरा जाएगा। 220 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर में 306 कूलेंट चैनल हैं। प्रत्येक में 12 ईंधन बंडल भरे जाते हैं। इस तरह 3612 कूलेंट चैनल भरे जाएंगे। प्रत्येक का वजन करीब 16.5 किलोग्राम है। इस तरह कुल 60 हजार किलोग्राम यूरेनियम ईंधन की बाल्टी भरी जाएगी। उल्लेखनीय है कि रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी इकाई ने बिजली संकट में पूरा सहयोग दिया। इस इकाई ने लगातार 777 दिनों तक बिजली उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया है।